Monday, 9 January 2017

होम लोन कितने समय के लिए लें :-



आप अपनी सुविधा के अनुसार लोन की अवधि का चुनाव कर सकते हैं, लोन की अवधि सामान्ये रूप से तीन प्रकार की होती है, लॉन्ग टर्म, मिड टर्म या फिर शॉर्ट टर्म।


लॉन्ग टर्म लोन 


लॉन्ग टर्म लोन में आपको लोन चुकाने के लिए सबसे अधिक समय दिया जाता है, लेकिन इसमें यह शर्त होती है कि अगर आपने समय से पहले लोन चूका दिया तो आपको पेनल्टी देनी पड़ेगी।

शॉर्ट टर्म लोन


जिस समय माकेर्ट में इंटरेस्ट रेट ज्यादा हो, तब शॉर्ट टर्म लोन लेना सही रहता है। हालांकि तब आपकी ईएमआई की रकम बढ़ जाएगी। अगर आप शॉर्ट टर्म लोन नहीं लेना चाहते, तो मिड टर्म की बजाय लॉन्ग टर्म लोन लें। ऐसे में ध्यान रखें कि ब्याज दर फ्लोटिंग हो, फिक्स नहीं, क्योंकि ब्याज दर में बढ़ोतरी ज्यादा लंबे समय के लिए नहीं रहती।

इसके अलावा, आप यह भी तय करे  कि आप हर महीने लोन की ज्यादा से ज्यादा कितनी किस्त चुका सकते हैं,  इसके आधार पर यह भी तय करना होगा कि आप कम से कम कितने सालों के लिए लोन ले रहे है । ज्यादा ब्याज दर की स्थिति में शॉर्ट टर्म लोन लेने से यह फायदेमंद होगा कि ईएमआई में प्रिंसिपल अमाउंट ज्यादा होगा और नेट ब्याज दर कम हो, लेकिन मासिक क़िस्त (ईएमआई) की रकम सामान्य से ज्यादा होगी।

घर को लेकर प्रत्येक व्यक्ति की जरूरतें एक जैसी नहीं होतीं। किसी को नया घर चाहिए, तो किसी को पुराने घर की ही मरम्मत करानी है, कोई ज्यादा मासिक क़िस्त (ईएमआई) देकर जल्दी से जल्दी लोन से छुटकारा पाना चाहता है, तो कोई व्यक्ति ज्यादा ईएमआई नहीं दे सकता। फाइनैंसर्स ने भी इन जरूरतों और सीमाओं को समझा है, इसी लिए तो माकेर्ट में होम लोन से जुड़े कई विकल्प उपलब्ध हैं :-

हाउसिंग लोन 



इसका दायरा अपने आप में काफी लंबा-चौड़ा है। यह बात सिर्फ इतनी-सी ही नहीं है कि आपको घर खरीदना है, बैंक में लोन के लिए एप्लॉई किया, पैसा मिला और आपने घर खरीद लिया। बैंक और फाइनैंस कंपनियों में कई तरह के हाउसिंग लोन उपलब्ध हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार लोन का चुनाव कर सकता है। अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग तरह के लोन फायदेमंद रहते हैं। इसके अलावा, कंपनियां अपने लोन को पॉपुलर बनाने के लिए फ्री प्रॉपर्टी इंश्योरेंस या फ्री एक्सिडेंट इंश्योरेंस जैसे ऑफर भी देते हैं। हाल तक, टीजर लोन जैसी स्कीमें भी दी जा रही थीं, जिन्हें रिजर्व बैंक की सख्ती पर ज्यादातर बैंकों ने वापस ले लिया है।

घर के लिए लोन लेने की हर व्यक्ति की जरूरत एक जैसी नहीं होती। किसी को घर खरीदना है, तो किसी को उसकी मरम्मत करानी है, कोई फिक्स्ड रेट पर ही इंटरेस्ट देना चाहता है, तो कोई बाजार भाव के अनुसार मासिक क़िस्त (ईएमआई) कम या ज्यादा करने को तैयार है। इन जरूरतों को पहचानते हुए बैंक/फाइनैंस कंपनियों ने तरह-तरह के लोन मार्केट में उपलब्ध कराए हैं, जैसे - घर खरीदने के लिए लोन, मरम्मत के लिए, होम एक्सटेंशन, जमीन खरीदने के लिए, होम कन्वर्सन लोन आदि। ब्याज दरों के आधार पर लोन फिक्स्ड, फ्लोटिंग, हाइब्रिड, स्टेप-अप, स्टेप-डाउन कई तरह के हो सकते हैं।

फिक्स्ड या फ्लोटिंग


होम लोन के लिए आवेदन करते समय सबसे पहली दुविधा यह होती है कि फिक्स्ड ब्याज दर पर लोन लिया जाए या फ्लोटिंग ब्याज दर पर।

फिक्स्ड :-


फिक्स्ड रेट के मामले में लोन की ब्याज दर पूरे समय एक ही रहती है और बाजार में ब्याज दर घटने का लाभ नहीं मिलता। हालांकि अच्छा यह है कि ब्याज दर बढ़ने का भी कोई असर नहीं पड़ता। फिक्स्ड रेट भले ही आदर्श नजर आए, लेकिन इसके नुकसान भी हैं। इस तरह का लोन देते समय फाइनैंसर यह अधिकार अपने पास सुरक्षित रखता है कि एक तय समय सीमा के बाद वह ब्याज दर बढ़ा सकता है। इस प्रकार के लोन आमतौर पर फ्लोटिंग की तुलना में कुछ महंगे भी होते हैं।

फ्लोटिंग :-


फ्लोटिंग रेट के मामले में लोन की ब्याज दर बाजार पर निर्भर होती है। नतीजतन, लोन लेने वाले व्यक्ति को अपनी योजना से भी ज्यादा रकम ब्याज के रूप में देनी पड़ सकती है।

हाइब्रिड लोन :-


होम लोन फिक्स्ड ब्याज दर पर लें या फ्लोटिंग पर? इस उधेड़बुन पर विराम लगाने के लिए अब बैंक ग्राहकों को हाइब्रिड लोन भी देने लगे हैं। इसमें ग्राहक यह तय कर सकते हैं कि वे कुल लोन की कितनी रकम को किस तरह की ब्याज दर पर बैंक से लेना चाहते हैं। हाइब्रिड लोन दो तरह के होते हैं। पहला तो यह कि आप कुछ राशि का भुगतान फिक्स्ड रेट पर करें और बाकी का फ्लोटिंग पर। दूसरा यह कि आप नियमित समय जैसे- पांच साल के लिए पूरी रकम को फिक्स्ड रेट पर ले लें। इसके बाद यह टाइम खत्म होते ही आपके लोन पर उस समय का फ्लोटिंग रेट लागू हो जाएगा।

क्या ये सही रहेगा आपके लिए :-


जो लोग, किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहते, वे सम्पूर्ण लोन का 80 प्रतिशत रकम का रीपेमेंट फिक्स्ड रेट पर कर सकते हैं। जो लोग ब्याज दर में गिरावट का फायदा उठाना चाहते हैं, उन्हें अधिक से अधिक रकम फ्लोटिंग रेट पर लेनी चाहिए। जो कुछ तय नहीं कर पा रहे है, वे लोग बीच का रास्ता चुन सकते हैं, यानी आधी रकम का भुगतान फिक्स्ड रेट पर कर दे और आधी रकम का भुगतान फ्लोटिंग रेट पर कर दे।

फायदा :-


इस तरह की स्कीम को हाउसिंग लोन की सबसे सुरक्षित स्कीम कहा जा सकता है, क्योंकि इससे फ्लोटिंग और फिक्स्ड दोनों तरह की ब्याज दर का फायदा मिलता है। इस तरह के लोन में ब्याज दर में बदलाव से प्रभावित होने का डर काफी कम होता है। साथ ही, अगर ब्याज दर कम होती हैं, तो इसका लाभ भी मिलता है।

स्टेप अप लोन :-


स्टेप अप लोन से मतलब ऐसे लोन से है, जिसमें आपको शुरुआती सालों में मासिक क़िस्त (ईएमआई) के रूप में कम रकम देनी होती है। जैसे-जैसे समय गुजरता है, यह रकम बढ़ती चली जाती है। दरअसल, यह एक ऐसी सुविधा है, जिसके अंतर्गत लोन देने वाली कंपनी आने वाले सालों में आपकी इनकम में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान लगा लेती है और उसी हिसाब से आपको लोन री-पेमेंट का शेड्यूल मुहैया कराती है, जो सीधे-सीधे आपकी सैलरी में बढ़ोतरी से जुड़ा होता है। यह लोन की रकम और फाइनैंस कंपनी पर निर्भर करता है कि शुरुआत में आप कितनी कम ईएमआई देते हैं और पहले से तय समय बाद इसमें कितनी बढ़ोतरी होती है। इस स्कीम के अनुसार आप ज्यादा रकम का लोन ले सकते हैं।

ये किनके लिए ज्यादा सही है :-


स्टेप अप लोन उन लोगों के लिए ज्यादा सही विकल्प रहता है, जो फिलहाल के समय में ज्यादा ईएमआई नहीं चुका सकते। ये लोग नौकरी के शुरुआती सालों में हो सकते हैं या फिर इन्होंने हाल में ही अपना बिजनेस शुरू किया हो सकता है। यह सुविधा आमतौर पर ऐसे नौकरीपेशा और प्रफेशनल्स को ही दी जाती है, जो करियर में स्टेबल होते हैं। साथ ही जिनकी जॉब का माहौल व सैलरी पैकेज और ज्यादा बेहतर होने की संभावनाएं तेज होती हैं। भविष्य में सैलरी में बढ़ोतरी की कैलकुलेशन करते समय आपसे कई सवाल पूछे जाएंगे, जैसे : आपकी वर्तमान सैलरी, एजुकेशनल बैकग्राउंड, जॉब की नेचर आदि। इनके आधार पर जॉब के लिए आपकी योग्यता 30 पर्सेंट तक बढ़ सकती है।


क्या हानि हो सकती है :-


सभी जानते है कि अगर किसी स्किम का कोई फायदा है तो नुकसान भी होता ही है | वह यह है कि इंटरेस्ट रेट रिस्क के प्रति आपको ज्यादा संवेदनशील रहना होगा, क्योंकि कम मासिक क़िस्त (ईएमआई) के शुरुआती सालों में आपको ब्याज ज्यादा देना पड़ता है और प्रिंसिपल कम। अगर इस दौरान हाउसिंग लोन पर इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी होती है, तो आपको ब्याज के रूप में ज्यादा रकम देनी होगी, क्योंकि आपका प्रिंसिपल अमाउंट ज्यादा बाकी रहेगा।

स्टेप डाउन लोन :-


स्टेप डाउन लोन की प्रक्रिया स्टेप अप लोन से एकदम विपरीत होती है। इस तरह के लोन में शुरुआत में ईएमआई ज्यादा होती है, जो बाद के वर्षों में कम कर दी जाती है।

यह किनके लिए सही है :- स्टेप डाउन लोन ऐसे लोगों के लिए सही रहता है, जो रिटायरमेंट के करीब हों। वे अपनी आमदनी के चरम पर होते हैं। हालांकि रिटायरमेंट के बाद उनकी यह इनकम घटने की पूरी संभावना होती है, जिससे ईएमआई चुकाने की उनकी क्षमता भी कम हो जाती है।


इसके अतिरिक्त होम लोन के प्रकार 

जमीन खरीदने के लिए लोन ( ऋण ) :-


जमीन खरीदने के लिए जो भू-ऋण लिया जाता है, ताकि आप उस भूमि पर अपने घर का निमार्ण कर सके। ज्यादातर बैंक जमीन की कीमत का 85% ऋण प्रदान करते हैं। इस प्रकार के रूप में अच्छी तरह से निवेश के उद्देश्यों के साथ-साथ आवासीय प्रयोजनों के लिए लाभ उठाया जा सकता है। इस देश में  लगभग सभी प्रमुख बैंकों में सक्रिय आईसीआईसीआई बैंक (भूमि ऋण), एक्सिस बैंक (भूमि खरीद के लिए ऋण) इसी रूप में ऋण प्रदान करते हैं।


घर खरीदने के लिए ऋण :-


जब आप कोई बनाबनाया घर या फ्लैट खरीदने के लिए ऋण बैंक में आवेदन करते है तो बैंक आपको उसी घर या फ्लैट के आधार पर ही ऋण प्रदान करता है |
इसके अलावा, सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक उपलब्ध होम लोन वेरिएंट। यह एक नई आवासीय संपत्ति या यहां तक कि एक पट्टे पर संपत्ति की खरीद के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऋण के इस प्रकार में, इसके अलावा, उधारदाताओं को आम तौर पर घर की कीमत का लगभग 85% वित्त दिया जाता है। इस प्रकार के लोन पर बैंक आपको   फिक्स्ड ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करता हैं |




घर सुधार ऋण :-



घर सुधार ऋण आम तौर पर व्यक्तियों, जो पहले से ही एक घर के मालिक हैं, लेकिन उनके पास उनकी पसंद के अनुसार ये अपने घर को  अच्छी अवस्था में लाना करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। घर कि मरम्मत और मरम्मत कार्यों के सभी प्रकार के इस तरह के आंतरिक और बाहरी चित्रकला, बाहरी मरम्मत कार्य, बिजली का काम, पानी अशुद्धि जाँच और भूमिगत या भूमि के ऊपर पानी की टंकी का निर्माण, और इतने पर जैसे होम लोन के इस संस्करण का उपयोग कर वित्त पोषण किया जा सकता है।



एनआरआई आवास ऋण :-



जो लोग भारत से बहार विदेशो में जॉब या कोई कारोबार करते है और ये लोग भारत भारत में स्थायी रूप से कोई संपत्ति या घर खरीदना चाहते है,
जो भारत में आवासीय संपत्ति खरीदने के लिए आवास वित्त प्राप्त करने में अनिवासी भारतीयों की सहायता के लिए विकसित किया गया है।


स्टाम्प ड्यूटी ऋण :-


स्टाम्प ड्यूटी ऋण के क्रम में एक संपत्ति की खरीद पर स्टांप ड्यूटी शुल्क बंद का भुगतान करने में प्रदान की जाती हैं। इस ऋण से राशि इस उद्देश्य के लिए पूरी तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इस प्रकार के होम लोन ने अभी तक भारतीय बाजारों में कोई खाश लोकप्रियता हासिल नहीं किया है।




अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे
फोन नंबर - +91-9529331331अथवा मेल करे –info@regrob.com

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