भारत में घर
बनाने या खरीदने
के लिये ज्यादातर
लोग होम-लोन
लेना पसंद करते
हैं। एक बार
होम लोन (गृहऋण)
कंधे पर आ
गया, तो तनाव
की लकीरें लोन
लेने वाले के
माथे पर गहरी
हो जाती हैं।
ऐसे में हर
कोई इसी प्रयास
में रहता है
कि होम-लोन
को जल्द से
जल्द चुकाए ।
तो अगर आप
भी समय सीमा
से पहले अपना
होम-लोन चुकाने
की ठान चुके
हैं, तो बहुत
अच्छी बात है।
और अगर आप
बहुत जल्द होम
लोन खत्म करने
जा रहे हैं,
तो हम आपको
कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताने जा
रहे है | इन्हे
जरूर ध्यान में
रखयेगा :-
अगर आपका होम-लोन लंबे
समय नहीं चल
रहा है, तो
उसे समय सीमा
तक ही चलने
दें, इससे आपको
टैक्स में छूट
मिलेगी। खैर अब
बात करते हैं
समय से पहले
होम-लोन से
छुटकारा पाने के
लिये क्या करना
चाहिये।
1) बैंक या फाइनैंस कंपनी को सूचित करना बहुत जरुरी है :-
अगर आप सोच
चुके हैं कि
अब आपको अपना
होम लोन जल्द
से जल्द खत्म
करना ही है,
और आपके पास
पर्याप्त पैसा भी
है, तो सबसे
पहले बैंक, हाउंसिंग
लोन कंपनी, या
जिस फाइनेंस कंपनी
से आपने लोन
लिया है, वहां
जाइये और अपना
आउटस्टैंडिंग अमाउंट पूछिए।
साथ ही उस
पर लगने वाला
ब्याज पूछना मत
भूलियेगा।
2) पेमेंट करते वक्त :-
जब आप बैंक
में पेमेंट करने
जायें, तो एक
बार क्रॉस चेक
जरूर कर लें,
कि कोई पैसा
बाकी तो नहीं
है। क्योंकि अगर
बाकी रह गया,
तो बैंक आपसे
ब्याज समेत वसूलेगा।
अच्छा होगा पेमेंट
करने से पहले
पूछ लें, ताकि
बाद में आपको
ज्यादा रकम न
चुकानी पड़े और
काई झंझट नहीं
हो।
3) प्रॉपर्टी के दस्तावेज लें :-
रकम जमा करने
के तुरंत बाद
आप बैंक से
प्रॉपर्टी के सारे
ओरिजनल डॉक्यूमेंट यानि असली
दस्तावेज मांगें। खास कर
यह भी देख
लें कि बैंक
आपके हाथ में
मूल दस्तावेज़ों की
प्रतिलिपि तो नही
सौंप रहा है।अगर
बैंक आपको प्रतिलिपि
दे रहा है
तो बिलकुल न
ले। हां बैंक
आपको दस्तावेज तभी
सौंपेगा, जब आप
बैंक का पूरा
पेमेंट क्लियर
कर देगे ।
4) बैंक से एनओसी (ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट) :-
बैंक से नो
ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट यानि एनओसी
लेना मत भूलें।
क्योंकि एनओसी ही एक
मात्र प्रमाण है,
जो यह दर्शाती
है कि आप
बैंक का सारा
कर्ज चुका चुके
हैं। वरना हो
सकता है कि
बैंक आपसे दोबारा
वसूले |
5) जब ग्रहणाधिकार पत्र चाहिये हो तो :-
जब आपको ग्रहणाधिकार
पत्र यानि लीन
सर्टिफिकेट चाहिये हो, तो
रजिस्ट्रार के नाम
एक एप्लीकेशन लिखें
और बैंक से
एनओसी लेकर रजिस्ट्रार
कार्यालय जायें। वहां से
आपको ग्रहणाधिकार पत्र
मिलेगा।
6) ऋणभार प्रमाण पत्र :-
इनकंबरेंस सर्टिफिकेट यानि ऋणभार
प्रमाण पत्र प्राप्त
करने के लिये
आपको एक महीने
बाद रजिस्ट्रार ऑफिस में
आवेदन करना होगा।
उस वक्त आपको
एनओसी की प्रतिलिपि
लगानी होगी। यह
प्रमाण पत्र यह
दर्शाता है कि
इस संपत्ति पर सिर्फ आपका अधिकार है।
7) अपना CIBIL स्कोर चेक करें :-
अपना CIBIL
स्कोर चेक करना
मत भूलें। सीआईबीआईएल
के कार्यालय में
आपके लोन का
विवरण दर्ज होता
है। वहां सूचित
करना जरूरी होता
है।
आप सबसे अच्छा होम लोन (घर ऋण) खोजने के लिए क्या करना चाहिए :-
रेग्रॉब
(Regrob) आपको सबसे अच्छा
संभव कीमत पर
अपने सपनों का
घर खरीदने में
आपकी मदद करता
है। और एक
अच्छे होम लोन
(घर ऋण) की
सौदा करने की
प्रक्रिया का एक
प्रमुख हिस्सा है। एक
अच्छा सौदा मदद
करता है आप
अपने पैसे बचाने
के लिए और
है कि आप
अधिक से अधिक
लाभ मिलता है।
विभिन्न प्रदाताओं के साथ मूल्य की तुलना :-
आज की दुनिया
में उपलब्ध होम
लोन विकल्पों की
अधिकता के अलावा,
आप सुनिश्चित करें
कि आपको किस
प्रकार का होम
लोन चाहिए | और
सबसे अच्छा सौदा
करने के साथ
उसे खत्म करने
के बारे में
भी सोचते है
|
नंबर एक बात
है कि जब
आप बनाने के
लिए अपने होम
लोन (घर ऋण)
चुनाव करते है
तो सही और
गलत का फैसला
भी खुद ही
लेते है | यह
है, लेकिन स्पष्ट
है। कहने की
जरूरत नहीं है,
तो आप ब्याज
दरों में अनुसंधान
के लिए किया
है। प्रचलित ब्याज
दर के बारे
में अपने बैंक
से पूरी जानकारी
ले |
आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार :-
आपका क्रेडिट स्कोर और
क्रेडिट इतिहास तय करता
है कि आपके
होम लोन के
आवेदन पत्र को
मंजूरी दी जाये
या नही , अत:
आपको अपने क्रेडिट
कार्ड का भुगतान
समय पर करना
बहुत जरुरी है
| अगर किसी कारन
वस आपके क्रेडिट
कार्ड का स्कोर
ख़राब है तो
आपको बैंक कि
मदद लेनी चाहिए
| बैंक आपकी मदद
जरूर करेगा |
विभिन्न उधारदाताओं के साथ :-
जब आप कपडे
या कुछ ओर
जरूरत का सामान
खरीदने किसी शॉपिंग
मॉल में प्रवेश
करते हो, तो
पहले आप सामान
को अच्छी तरहा
से परखते है,
अगर आपको फिर
भी वो पसंद
नही आता तो
आप कुछ दुकानों
पर ओर देखेगे,
और जो सबसे
ज्यादा पसंद आये
उस पर ही
आप अपनी मेहनत
से कामये हुए
पैसो को खर्च
करने के बारे
में सोचते है
|
इसी प्रकार, आपके पास
होम लोन लेते
वक़्त भी ये
विकल्प होता है,
होम लोन लेने
से पहले आपको
कम से
कम 4-5 बड़े बैंको
के बीच तुलना
करनी चाहिए | सिर्फ
न्यूनतम ब्याज दर के
आदर पर ही
चयन न करे
|
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