एचडीएफसी, भारतीय स्टेट बैंक सहित बहुत से बैंको ने घटाई होम लोन की ब्याज दर
देश के प्रमुख बैंकों की तरहा सबसे बड़ी लोन प्रोवाइडर कंपनी एचडीएफसी ने अपनी होम लोन रेट्स में 0.45 %(प्रतिशत) की कटौती की है। एचडीएफसी बैंक ने अपने बयान में कहा कि अब 75 लाख रुपए तक के होम लोन पर 8.7 प्रतिशत वार्षिक का ब्याज दर लागु होगा। वहीं इससे अधिक के लोन पर 8.75 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा। इससे पहले सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई समेत कई बैंको ने अपनी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की हैं।
महिलाओं को 0.05 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। अभी तक एचडीएफसी की बेंचमार्क लोन रेट 9.1 %(प्रतिशत) थी। नई दरें आज से लागू हो गई हैं।
एचडीएफसी के प्रबंध निदेशक ने कहा, पिछले कुछ महीने के दौरान कोष की सीमान्त लागत (एमसीएलआर) में कमी आई है। इसी के अनुसार एचडीएफसी बैंक ने इसका सम्पूर्ण लाभ ग्राहकों को प्रदान करने का फैसला किया है।
इन बैंकों ने भी घटाई ब्याज दरें:-
1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी होम लोन के रेट में 0.9 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है।
2. एक साल की एमसीएलआर (MCLR) को 0.75 प्रतिशत घटाकर 8.50 प्रतिशत किया गया है।
3. एक दिन की एमसीएलआर (MCLR) को 0.9 प्रतिशत की कटौती के साथ 8.1 प्रतिशत किया गया है।
4. नई दरें 7 जनवरी से प्रभावी हो गयी है
होम लोन होगा सस्ता:-
1. सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कई बैंकों ने अपनी बेंचमार्क लोन रेट्स में 1.48 प्रतिशत की कटौती की है।
2. इससे होम, कार और कॉरपोरेट लोन सस्ता होगा।
3. नोटबंदी से बैंकों की जमा में जोरदार इजाफा हुआ है।
4. इसकी वजह से ही होम लोन प्रोवाइडर्स ने यह कदम उठाया है।
आज के दोर में आपको सस्ते लोन का तोहफा मिल सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) चालू वित्त वर्ष की आखिरी मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करने जा रहा है। नवंबर में नोटबंदी (Demonetisation) के बाद आरबीआई दूसरी बार ब्याज दरों की समीक्षा कर रहा है। कुछ विशेषज्ञों की राय है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली समिति आर्थिक वृद्धि को बूस्ट देने के लिए ब्याज दर में कटौती की सिफारिश कर सकती है। ऐसे में ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की कटौती की उम्मीद की जा रही है। अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए रॉयटर्स के पोल के मुताबिक, सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटे को लेकर जो विवेकपूर्ण कदम उठाया है, उससे आज ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बनती है। वहीं, अटकलें और गुणाभाग का एक पहलू यह भी है, कि आरबीआई रेट कट को अप्रैल तक के लिए टाल सकता है।
आरबीआई द्वारा रेट कट को लेकर ली जाने वाली कॉल से जुड़ी खास बातें...
1. आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू को लेकर ऐलान कर दिया है,यदि आरबीआई 25 बेसिस पॉइंट यानी 5 फीसदी की कटौती करता है, तो यह भविस्ये में सर्वाधिक कटौती होगी।
2. आम बजट 2017 में सरकार ने राजकोषीय घाटे को लेकर बेहद सतर्कतापूर्ण और विवेकपूर्ण कदम उठाया और आागामी वित्तीय वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.2 फीसदी रखा। सरकार का यह कदम एक ट्रैक की ओर इंगित करता है और लोगो में उम्मीद जगाता है कि ब्याज दरों को कम किया जा सकता है।
3. उपभोक्ता वस्तुओं की महंगाई दर दो साल के निचले स्तर पर है और यह दिसंबर में 3.41 फीसदी तय की गयी है। यह आरबीआई द्वारा तय किए लक्ष्य से काफी कम है। आरबीआई द्वारा इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 5 फीसदी तक का टारगेट रखा गया था जबकि मिडिल टर्म टारगेट 4 फीसदी रखा गया था।
4. जानकारों को लगता है कि नोटबंदी के बाद लड़खड़ा रही इकॉनमी को संभालने के लिए रेपो रेट कट देकर केंद्रीय बैंक एक सहारा लगा सकता है।
5. कुछ जानकार ब्याज दरों में किसी भी परिवर्तन की संभावना नहीं देख रहे हैं। बैंकों में सरलता काफी ज्यादा है क्योंकि नोटबंदी के कारण बैंक की जमा पूंजी में तेज़ी बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद ब्याज दरों में एक फीसदी तक की गिरावट पहले ही हो चुकी है। जानकारों का मानना है कि ऐसे समय में जब मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव कायम है, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, केंद्रीय बैंक यह जोखिम नहीं लेना चाहेगा।
6. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दिसंबर में एक आश्चर्यजनक कदम में अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान बैंकों के लिए पुनर्खरीद दर यानी कि अल्पकालिक उधारी दर को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था।
7. बैंक और उद्योग प्रमुख नीतिगत दर (रेपो रेट) में कटौती की वकालत कर रहे हैं। पीएनबी (PNB) की प्रबंध निदेशक उषा अनंतसुब्रमणियम के अनुसार, ब्याज दर में हर तरफ से 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने कहा- अधिकतर बैंक पहले ही ब्याज दर में कटौती कर चुके हैं और अगर जरूरत पड़ी तो आगे और कटौती की जाएगी।
8. सिटीबैंक (CitiBank) की एक रिपोर्ट में कहा गया- नोटंबदी के बाद पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया के कारण आरबीआई अभी ब्याज दरों में कटौती नहीं कर सकती है, क्योंकि पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंकों के उधार देने योग्य संसाधनों में स्पष्टता आएगी।
9. सिंगापुर में डीबीएस (DBS) बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री राधिका राव के मुताबिक, अप्रैल की बजाय फरवरी में रेट कट का कदम सरकार के ऐहतियाती कदमों की बानगी देता है। लेकिन कुछ जानकारों को लगता है, कि आरबीआई मुद्रास्फीति की अस्थिरता को लेकर सतर्कता बरत सकता है।
होम लोन के विषय में जानकारी
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इसके लिए लोग अपने जीवन भर की कमाई और सेविंग्स लगा देते हैं। ऐसे में एक बार में घर के लिए इसनी बड़ी राशि एकत्र करना थोड़ा मुश्किल है। आप को बता दें कि जिस तरह बाजार में उपलब्ध हर चीज के लिए कई विकल्प मौजूद है, उसी तरह अगर आप अपने ड्रीम होम के लिए लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले सभी तरह के होम लोन (Home Loan) के बारे में जान लें। इससे आपको पता चल पाएगा कि आपकी जरूरत अनुसार कौन सा लोन सबसे बेहतर है। इंडिया टीवी पैसा आपको ऐसे 4 तरह के लोन के बारे में बताने जा रहे है जिन को पढ़ने के बाद आप बेहतर चुनाव कर सकते हैं।
1. होम इंप्रूवमेंट एंड एक्सटेंशन लोन
जरूरी नहीं कि होम लोन सिर्फ घर या फ्लैट खरीदते वक्त ही लिया जाए। पुराने घर की मरम्मत और एक्सपेंशन में भी बड़ी राश्ाि खर्च होती है। इसके लिए होम इंप्रूवमेंट एंड एक्सटेंशन एक अच्छा विकल्प है। यह लोन उस स्थिति में लेना चाहिए जब आपको अपने घर की मरम्मत, रेनोवेशन, फर्निचर खरीदना या फिर अपने घर का दायरा बढ़ाना हो। उस स्थिति में यह लोन लेना चाहिए।
2. शॉर्ट टर्म ब्रिजिंग लोन
कई बार हम पुराना घर बेचकर नया घर लेते हैं। लेकिन नए घर की ज्यादा कीमत का भुगतान हमारे बस से बाहर होता है। इस स्थिति में हम लोन लेते हैं। यह लोन छोटी अवधि के लिए होता है। पुराना घर बेचने और नया घर खरीदने के बीच के समय में यह मददगार साबित हो सकता है। यह दो साल के लिए दिया जाता है। इस लोन के लिए नई प्रॉपर्टी को कर्ज देने वाले बैंक के पास गिरवी रखा जाता है।
3. जमीन खरीदने के लिए लोन
होम लोन हम फ्लैट खरीदने या रिनोवेशन के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे जरूरी काम जैसे जमीन खरीदने के लिए भी लेते हैं। इसे होम लोन की तरह विभिन्न हिस्सों में नहीं बल्कि एक साथ बैंक से लेना होता है। यह लोन जमीन खरीदने पर मिलता है। इसमें आपको जमीन की 85 फीसदी तक की कीमत पर लोन मुहैया कर दिया जाता है।
4. होम लोन इक्विटी
अपने निजी इस्तेमाल के लिए ये काफी अच्छा विकल्प है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने वर्ष 2000 में 20 लाख रुपए की प्रॉपर्टी 15 लाख रुपए लोन पर ली। आपने बैंक को सिक्योरिटी के रूप में अपनी प्रॉपर्टी गिरवी रख दी। अब साल 2006 में आपकी प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने से 30 लाख हो गई है और आपके लोन का आउटस्डैंडिंग 11 लाख रुपए रह गया है। आपको बैंक को तो केवल 11 लाख रुपए चुकाने हैं, लेकिन इसके बदले बैंक के पास आपकी 30 लाख रुपए की प्रॉपर्टी है। इसके देखते हुए बैंक आपको और पैसे उधार दे सकता है। यानि कि आप को 7 लाख रुपए और उधार मिल सकते हैं। बाजार में चल रहे ब्याजा दर के हिसाब से आपको ब्याज मिलेगा। लोन लेने से पहले फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट ऑफ इंटरेस्ट में से किसी एक का चयन करें।
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