Tuesday 31 January 2017

टॉप-उप होम लोन क्या है?



टॉप- उप लोन एक बहुत ही अच्छा विकल्प है, यदि कोई व्यक्ति ने पहले से लोन लिया हुआ है और उसको अतिरिक्त धन की जरूरत है तो यह उसके लिए भव्य विकल्प है,  टॉप-उप लोन लेने से व्यक्ति को ब्याज दर में भी बहुत लाभ मिलता है, यानि पहले लिए हुए लोन की तुलना में भरी छूट मिलती है |
यह मुख्य रूप से आप अपने घर ऋण के टॉप-उप  पर एक ऋण राशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति देता है। सामान्य लोन की अवधि के बारे में 10 साल होते है और अक्सर ही होम लोन  (ग्रह ऋण) संवितरण में कुछ वर्षों के बाद की पेशकश की गयी है, क्योंकि यह आपके पुनर्भुगतान की ट्रैक रिकॉर्ड है, जो रेखा के नीचे कोई चूक का मतलब है और यह भी अपने ऋण पात्रता बढ़ जाती है, इसके बारे में एक अच्छा विचार देता है।





अब, इस लेख में हम टॉप-उप के बारे में चर्चा करेगे -


• होम लोन टॉप-अप के तहत क्या किया जाता है?
• टॉप-उप ऋण के लिए पात्रता का विचार क्या हैं?
• एक होम लोन (ग्रह ऋण) के टॉप-उप लोन लेने के क्या फायदे हैं?
• ब्याज दरों में और इससे ऊपर के लिए प्रोसेसिंग शुल्क क्या हैं?
• होम लोन (ग्रह ऋण) टॉप-उप ऋण आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों क्या क्या होने चाहिए?
• आय और रोजगार के सबूत के लिए आवश्यक दस्तावेजों क्या क्या होने चाहिए?




होम लोन टॉप-अप के तहत क्या क्या किया जा सकता है?



टॉप-उप होम लोन के तहत व्यक्ति अपने बहुत के काम आसानी से कर सकता है,जैसे कि- अपने बच्चो कि शिक्षा पूर्ण करना, उनका विवाह करना, घर में सुधार और वाणिज्यिक संपत्ति खरीदना, कोई वाहन खरीदना, अपना पुराना ऋण चुकती करना, या आपातकालीन स्थिति में खुद को मज़बूत बनाना |

होम लोन (गृह ऋण) टॉप-अप आवेदक की जरूरतों के अनुसार होम फर्निशिंग लोन (ऋण) भी ऐसी के अंतरगर्त आता है|


टॉप- उप लोन की पात्रता के लिए क्या सोच-विचार करे ?


इन तथ्यों का पालन करे:-


1. होम लोन लेने के लिए ग्राहक को टॉप-उप के दृष्टिकोण से ही बैंक से होम लोन लेना चाहिए।

2. टॉप-उप लोन केवल 6-12 महीने के बाद ही लिया जा सकता है या पुनर्भुगतान रिकॉर्ड के वर्षों के एक पूर्व निर्धारित समय के अनुसार ही मान्य करता है | कुछ बैंको ने टॉप-उप लोन मंज़ूर करने से संधर्भ में घर के पूरा होने के साथ अतिरिक्त शर्तो को लागु किया है, जिससे ग्राहक को कोई ज्यादा परेसानी नही उठानी पड़ेगी |

3. टॉप-उप लोन पर स्वीकार्य राशि संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य के 80 % से 85 % होना चाहिए | यदि संपत्ति का मुल्ये 60 लाख और 30 लाख होम लोन पर बकाया है, या 18 लाख से 15 लाख है, तो टॉप-उप लोन का लाभ उठाया जा सकता है


4. कुछ बैंको की एक शर्त है जहा होम लोन की बकाया राशि और टॉप-उप लोन की राशि के माध्यम से लाभ उठाने के लिए प्रारंभिक होम लोन का अधिक लाभ नही उठाया जा सकता है | इस मामले में टॉप-उप लोन के माध्यम से अधिकतम धन राशि का लोन लिया जा सकता है, यदि 5 लाख रूपये बकाया राशि है तो 35 से 40 लाख रूपये की मूल राशि स्वीकृति की जा सकती है |

5. आमतौर पर टॉप-उप लोन की अवधि प्रारंभिक होम लोन के कार्यकाल पर निर्भर करती है, उदाहरण के लिए, अगर आपका होम लोन 10 साल से शेष है तो आपका टॉप-उप लोन का कार्यकाल 10 साल से अधिक नही हो सकता है |

नियम और टॉप-अप ऋण की शर्तों के विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ अलग कर रहे हैं।



टॉप-उप होम लोन लेने के क्या  फायदे है :-



वहाँ कुछ बहुत ही सम्मोहक लाभ जो शीर्ष तक होम लोन होम लोन लेने वालों में से ज्यादातर ने एक पसंदीदा उपकरण बनाते हैं।

1. टॉप-उप होम लोन व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन)  या बंधक ऋण (mortgage laon ) की तुलना में इसकी ब्याज दर की पेशकश काम होती है |

2. टॉप-उप लोन के दुवारा किसी भी तरीके से पैसा खर्च करने की वह स्तिथि है जिसमे आप जितना चाहो लोन ले सकते हो, और इसमे लोन लेने की खपत पर कोई प्रतिबंध भी नही है |

3. टॉप-उप होम लोन की अवधि सामान्ये रूप से मूल होम लोन जो काफी लंबे समय से चल रहा है तो एक आसान मासिक क़िस्त (ईएमआई)  से मासिक बजट में समायोजित किया जा सकता है |

4. टॉप-उप लोन लेने के लिए किसी अन्य संपत्ति या होम लोन के इस तरह के लाभ उठाने के लिए सुरक्षा के रूप में सोने, फिक्स्ड डिपॉजिट या बीमा पॉलिसियों प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती है।

5. टॉप-उप होम लोन पर आयकर विभाग ने भी बहुत लाभ प्रदान किये है | धारा 24 के तहत केवल ब्याज पर लाभ प्रदान करने की अनुमति दी है |


टॉप-उप होम लोन पर ब्याज दरो और प्रोसेसिंग शुल्क क्या है ?


टॉप-उप लोन पर ब्याज दर सभी बैंक अलग अलग होता है, सामान्ये तोर पर ब्याज दर 11.49 % से 19 % होता है, और प्रोसेसिंग शुल्क 0.25 % होता है |

टॉप-उप होम लोन आवेदन के लिए दस्तावेज़ों की सूचि :-


पहचान, पता और उम्र प्रूफ - के लिए दस्तावेज


1. पासपोर्ट की प्रतिलिपि  ।

2. पैन कार्ड।

3. ड्राइविंग लाइसेंस।

4. आधार कार्ड।

5. मतदाता पहचान।

6. राशन कार्ड।





आय और रोजगार के सबूत के लिए आवश्यक दस्तावेजों क्या हैं?


वेतनभोगी व्यक्ति


1. पिछले 3 महीने के वेतन का रिकॉर्ड निकाला जाता है।

2. आयकर रिटर्न।

3. फार्म 16।

4. 6 महीने का बैंक खाता विवरण।

5. रोजगार का पेशकश पत्र।

6. अनुभव पत्र, मानव संसाधन से पत्र।

स्वरोजगार आवेदकों के लिए :-


1. आयकर पिछले 3 निर्धारण वर्षों के लिए आय की गणना के साथ-साथ रिटर्न करने का भी रिकॉर्ड निकाला जाता है |

2. पिछले 3 वर्षों के 'बैलेंस शीट और लाभ और हानि ए / सी विवरण, अनुबंध / कार्यक्रम के साथ

3. पिछले 6 महीने 'वर्तमान ए / सी व्यापार इकाई के बयान और बचत खाता व्यक्ति के बयान


आपका कोई प्रश्न है तो आप हमसे संपर्क करे 


अधिक जानकारी के लिए 

फोन: -9529331331

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मेल करे :- info@regrob.com


Saturday 28 January 2017

एचडीएफसी बैंक दुवारा होम लोन के विषय में जानकारी



एचडीएफसी बैंक से होम लोन लेते हुए सबको लगता है ही ये अच्छा है या नही, लेकिन एचडीएफसी होम लोन की प्रक्रियाओं द्वारा लोन ग्राहक को ज्यादा  परेसान होने की जरूरत नही है | यह भी कहा जाता है कि राज़्य के स्तर पर आपकी पूरी मदद करेगे, हम आपकी सभी समस्याओ का हल लेकर आये है Regrob के पास आपकी सभी समस्याओ का समाधान है |

एचडीएफसी बैंक लाया है, आप सभी के लिए एचडीएफसी गृह ऋण। 35 वर्षों के अनुभव के साथ, विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम और आपके घर के निर्माण की वित्तीय जरूरतों को समझने वाला एक पूर्ण पैकेज हैं, जोकि आपके सपनों को साकार करने में सहायक होगा।



बैंकों ने ग्राहकों को सस्ता होम लोन मुहैया कराने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत निजी क्षेत्र के एचडीएफसी ने शुक्रवार को अपनी होम लोन की दर में 0.2 फीसदी कटौती कर इसे 9.9 फीसदी कर दिया है। इस फैसले से एचडीएफसी बैंक से होम लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई में कमी आएगी। और उनको इससे बहुत लाभ होगा |

नई दरें नए और पुराने सभी ग्राहकों पर लागू होंगी। एचडीएफसी लिमिटेड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 13 अप्रैल से होम लोन की दर 20 आधार अंक घटाने का फैसला किया गया है। एचडीएफसी ने कहा कि इसके खुदरा कर्ज की दर में कमी का फायदा अप्रवासी भारतीयों (NRI) सहित सभी ग्राहकों को मिलेगा।

इसके अलावा एचडीएफसी ने विभिन्न परिपक्वताओं पर अपनी जमा दरों में कटौती की है। इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक ने कर्ज की दरों में 0.25 फीसदी तक कटौती की थी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा बैंकों को ब्याज दरों को लेकर फटकार लगाए जाने के बाद दरों में कटौती की गई थी। रिजर्व बैंक ने 7 अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और इसे 7.5 फीसदी पर बरकरार रखा था।

एचडीएफसी बैंक के लाभ :- 



भारत में हाउसिंग फाइनेंस के क्षेत्र में अग्रणी; 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है

होम लोन उत्पादों की व्यापक श्रृंखला है

सर्वाधिक अनुभवी एवं सशक्तक कर्मचारीगण/कार्मिक दल यह सुनिश्चित करते हैं कि ग्राहकों के लिये यह प्रक्रिया सरल हो

खरीदी जाने वाली संपत्ति के लिये सलाह एवं परामर्श की सेवायें

भारत में घर खरीदने के लिये किसी भी कार्यालय से लोन की सुविधा

संपत्ति के चयन से पहले लोन की मंजूरी

लोन के पुन:भुगतान के लिये लचीले विकल्पी की सुविधा

दस्तावेजों का नि:शुल्कज एवं सुरक्षित संग्रहण

शर्तें लागू। सभी होम लोन्स एचडीएफसी लिमिटेड की ओर से। ऋण एचडीएफसी लिमिटेड के निर्णय के आधार पर ही जारी किये जायेंगे।

एचडीएफसी बैंक की विशेषताएं और लाभ


गृह ऋण - व्यक्तिगत होम लोन (गृह ऋण) मकान (नए/पुनः ब्रिक्री) खरीदने या निर्माण हेतु होम लोन। आवेदन व्यक्तिगत अथवा संयुक्त रूप से किया जा सकता है।

गृह सुधार ऋण - घर की आंतरिक साज-सज्जा उस घर में रहने वाले लोगों की सुरूचिपूर्णता का परिचायक होती है और यदि घर का मालिक चाहे तो वह समय के अनुसार इसमें निरंतर बदलाव भी कर सकता है. सुविधाएं आंतरिक और बाहरी मरम्मत तथा अन्य ढांचागत मरम्मत जैसे पेंटिंग, वाटरप्रूफिंग, प्लंबिंग और बिजली के कार्य, टाइलिंग एवं फ्लोरिंग, ग्रील, एल्यूमिनियम की खिड़कियां, घर के बाहर की चार दीवारी एवं बहुत कुछ।

गृह विस्तार ऋण - बढ़ते परिवार के लिये अपनी आवश्याकताओं के अनुसार घर का विस्तानर करने की सुविधा; चाहे बच्चों के लिये अतिरिक्तक बेड रूम का निर्माण करना हो, अपने लिये पढ़ने का कमरा बनवाना हो या फिर आराम से बैठकर कॉफी का आनंद लेने के लिये अलग स्थान का निर्माण करना हो; अपनी आवश्यकताओं के अनुसार घर का विस्तानर करना काफी आसान है.

अपना ऋण आंशिक फिक्स्ड या आंशिक फ्लोटिंग के रूप में लेने के लिए फिक्स्ड दर या फ्लोटिंग दर का विकल्प चुनें।

आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के अनुरूप लचीले अदायगी विकल्प।

गृह ऋण किश्त का स्वतः पुन:भुगतान - आप अपने एचडीएफसी बैंक के बचत खाते से हमें सीधे ही अपनी गृह ऋण किश्त के पुन:भुगतान के लिए स्थाई निर्देश दे सकते हैं इस तरह आप प्राप्य, हस्ताक्षर और पश्च-तिथि चैक ट्रेकिंग जैसी परेशानियों से बच सकते हैं।

एचडीएफसी आपकी पूर्ण मानसिक शांति के लिए संपत्ति दस्तावेजों का इन-हाउस निरीक्षण प्रदान करता है।




अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे
फोन नंबर - +91-9529331331

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Wednesday 25 January 2017

होम लोन एवम व्यवसायिक लोन के सम्बन्ध में महिलाओ के लिए विशेष जानकारी



Regrob  आपको कुछ चुनिंदा बैंको के बारे में बताते है, जिनसे Regrob आपको कम से कम ब्याज दर पर होम लोन की सुविधा प्रदान कराते है |


बैंक ऑफ बडौदा


सभी बैंक महिलाओं के लिए समय समय पर जीरो बैलेंस पर एकाउंट खोलता है। आज भी बहुत सी महिलाये आपने परिवार के साथ किराये के मकानों में रहती है, क्योकि उनके पास खुद का घर बनाने के लिए या खरीदने के लिए पर्याप्त धन नही है, ऐसी समस्या को मद्दे नज़र रखते हुए, ज़्यादा तर बैंको दुवारा  महिलाओ को होम लोन पर बहुत ज़्यादा छूट मिलती है, और जो महिला काम काजी नहीं और अपना खुद का काम शुरू करना चाहती है तो हम आपको लोन की विशेष सुविधा मुहैया कराते है। आपकी सुविधा के अनुसार हम आपको बैंक से कम से कम ब्याज दर पर आपका लोन पास कृते है।लोन की राशि प्रोजेक्‍ट के आधार पर ही तय की जाती है। लेकिन बैंक लोन देने के लिए एक गारंटर मांगती है। जबकि महिलाओं के एजूकेशन लोन पर साधारण ब्‍याज दर की तुलना में महिलाओ को एक फीसदी की छूट भी देती है। इस बैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपनी वैभव लक्ष्‍मी स्‍कीम के तहत महिलाओं को घर के जरूरी सामान की खरीददारी के लिए भी लोन देती है।

केनरा बैंक


ये बैंक 18 से 55 वर्ष की महिलाओं को लोन मुहैया कराती है। इस स्‍कीम के तहत महिलाएं घर खरीदने के साथ साथ घर के जरूरी सामान के साथ सोना, जूलरी, कंप्‍यूटर आदि तक खरीदने के लिए लोन ले सकती हैं। बैंक लोन की सुविधा हाउस वाइफ, वर्किंग महिलाओ और इंडीपेंडेंट महिलाओं को देती है।

ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स


महिलाओ के विकास के लिए योजना


यह बैंक महिलाओं को सबसे अधिक राशि यानि दो लाख से लेकर 10 लाख तक की राशि का लोन मुहैया कराता है। यही नहीं महिलाओ को ब्‍याज दरों में दो प्रतिशत या इससे अधिक की छूट भी देता है। 10 लाख से अधिक का लोन लेने पर एक फीसदी तक की छूट दी जाती है। यदि लोन दो लोग मिल कर ले रहे हैं जिसमें एक पुरुष है तो काम में महिला की हिस्‍सेदारी कम से कम 51 फीसदी होनी ही चाहिए। कंडीशन बस एक है कि लोन सात वर्षों में चुकाना होता है।


सिंडीकेट बैक


सिंडिकेट बैंक ने महिला की सशक्तिकरण के लिए इस योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत उन्‍हें देशभर में 20000 महिला व्‍यवसायियों को लोन देना है। जिसमें महिलाएं माइक्रो, स्‍मॉल और मिडियम आकार के व्‍यवसाय शुरू कर सकती हैं। इस योजना के तहत बैंक महिलाओं को कनशेसनल रेट पर पांच करोड़ तक लोन मुहैया करा रही है। यदि महिला 10 लाख तक का लोन लेती है तो उसे 10;25 परसेंट की दर से ब्‍याज देना होता और जैसे ही लोन की राशि 10 लाख से अधिक होती है .025 परसेंट की छूट मिलती है। लोन का मार्जिन 15 परशेट लोन लेने वाले को खुद ही देना पड़ता है।
इस लोन सुविधा के साथ क्रेडिट कार्ड की सुविधा के साथ ग्‍लोबल डेब्टि कार्ड, एटीमकार्ड, एसएमएस बैंकिंग के साथ सिंड सुरक्षा इंश्‍योरेंस भी मुहैया करा रही है।  यह लोन सात से दस वर्शों के लिए मिलता है।


एचडीएफसी बैंक


एचडीएफसी बैंक वुमन एकाउंट होल्‍डर महिलाओं को इजी शॉप वुमेंस एडवांटेज कार्ड और लॉकर की सुविधा देता है। इसमें 200 रुपए की खरीदारी पर एक रुपया कैश बैक देता है। जबकि इस एकाउंट के साथ सबसे बड़ी सुविधा यह है कि इस कार्ड से किसी भी बैंक के एटीएम से कितनी भी बार पैसा निकाला जा सकता है।
 इस योजना के तहत एक निश्चित राशि की खरीदारी के बाद महिला उपभोक्‍ता को कुछ परसेंट पैसा वापस मिल जाता है।
साथ ही एक साल तक लॉकर की सुविधा पर 50 परसेंट की छूट गोल्‍ड बार की खरीद पर देता है। बैंक वुमन बिलों पर पांच परसेंट कैश बैक और 150 रुपए के खर्च पर एक रिवॉर्ड प्‍वाइट भी देता है। यदि बैंक से महिलाएं किसी उघेग के लिए लोन लेती हैं तो उन्‍हे ब्‍याज दरों में 0 दशमलव 25 फीसदी से लेकर 1 परसेंट तक की छूट दी जाती है।

स्‍टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर


महिलाओं को केवल 250 रुपए के मिनिमम बैलेंस के साथ बचत खाता खोलने की सुविधा दे रहा है। साथ ही पांच से सात वर्ष के लिए दिए जाने वाले 25 लाख तक के लोन पर ब्‍याज में आकर्षक छूट भी देता है। इससे आप खुद का घर खरीद सकते है या बना सकते है
बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र महिलाओं के लिए कम से कम ब्‍याज दर पर होम लोन, लंबी भुगतान अवधि और कम मार्जिन जैसी सुविधाएं दे रहा है। आपके लिए सुन्हेरा है |

पंजाब नेशनल बैंक


पीएनबी महिला उदयम निधि स्‍कीम, पीएनबी महिला सम़दिध योजना, स्‍कीम फॉर फाइनेंसिंग क्रेच, पीएनबी कल्‍याणी  कार्ड स्‍कीम, पीएनबी महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत योजनाएं चला रही हैं
सुकन्‍या योजना है जिसमें 3 से बच्‍ची के 18 साल तक होने पर अभिभावक मैक्सिमम डेढ लाख रुपए तक एक साल में रुपए जमा कर सकते हैं। यह पैसे बेटी के बड़े होने पर उसकी पढाई, उधोग स्‍थापित करने में उपयोग किया जा सकता है। पीएनबी विमन इंपावरमेंट के लिए कई योजनाएं चला रहा है जिसमें वह बांस की डलिया बनाने से लेकर हवाई जहाज उघोग स्‍थापित करने तक के लिए लोन की सुवधिा यानी 5000 हजार से लेकर पांच हजार करोड़ तक का लोन मिलता है।
पांच से 25 हजार तक का लोन महिलाओं को एड्रेस प्रूफ और आइडेंटिटी कार्ड पर मुहैया कराया जाता है। इसके लिए बैंक कोई अन्‍य पेपर की मांग नहीं करती है। इसके लिए बैंक मैनेजर और एरिया के प्रतिनिध अहम रोल अदा करते हैं।
जबकि उससे अधिक राशि के लोन के लिए उघोग का प्रोजेक्‍ट से लेकर, महिला कितनी सक्षम है, उसके पास क्‍या क्‍या साधन है वह सब भी देखा जाता है।

सरकार की मुद्रा स्‍कीम


यह लोन खासकर अनऑर्गेनाइज्‍ड सेक्‍टर की महिलाओं को ध्‍यान में रखकर सरकार ने बनाया है जिसे हर बैंक को लागू करना आवश्‍यक है। इस स्‍कीम के तहत घर से उघोग चलाने वालों को बैंक 50,000 से दस लाख तक का लोन देता है।
इस स्‍कीम के तहत डिग्री डिप्‍लोमा की आवश्‍यकता नहीं होती है
गारंटर की जरूरत भी नहीं होती है।
बैंक इस उघोग के प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट को बहुत बारीकी से देखता है जिसमें पैनी नजर उन बातों पर होती है कि लोन लेने वाला अपना सारा खर्च निकालने के बाद ब्‍याज की राशि किस तरह से अदा कर पाएगा।
इस तरह के लोन में प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट बहुत अहम रोल अदा करता है।
जब लोन लेने जाएं तो पेपर क्‍या हो आपके साथ
आप लोन लेने जा रहे हैं तो उसका पूरा प्रोजेक्‍ट प्रॉफिट रिपोर्ट के साथ बनाएं
जहां उघोग लगाना है वहां आपका अपना मकान या आफिस या किराए का मकान है उसकी एग्रीमेंट की कॉपी
आपके क्‍वालीफिकेशन की डिग्री, जिस उधोग को आप लगाने जा रहे हैं उसकी डिग्री
एप्लीकेशन फॉर्म
बचत खाता है या करंट एकाउंट है उसकी तीन से छह महीने की एकाउंट बैलेंस

फोटोग्राफएड्रेस प्रूफआइडेंटिटी कार्ड


सरकार की योजना के तहत सीजीटीएमसी (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्‍ट फॉर माइक्रो एंड स्‍मॉल इंटरप्राइजेज) योजना है जिसमें बैंक एक करोड़ रुपए तक लोन देता है वह भी बिना गारंटर के।
महिलाओं की योजनाओं पर आरबीआई की गाइडलाइन
पब्लिक सेक्‍टर बैंक के लिए आरबीआई ने एक गाइड लाइन जारी की है। जिसके अंतर्गत सभी बैंक को महिला इंपावरमेंट के लिए टोटल लोन टार्गेट का पांच परसेंट सिर्फ महिलाओं को देकर पूरा करना है। आरबीआई ने यह गाइड लाइन 2001 में ही लागू की थी लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि आज तक  बैंक लक्ष्‍य को पूरा करने में असमर्थ दिखाई देते हैं। जब संवाददाता ने विभिन्‍न बैंकों से वुमन एकाउंट और महिलाओं को दिए गए लोन की जानकारी चाही तो बैंक ने असमर्थता जताई।
बैंकों के लिए गठित संसदीय समिति ने महिलाओं को दिए जाने वाले लोन पर विशेष रियायत देने की सिफारिश भी की है। लेकिन उस गाइडलाइन का कितना पालन हो पा रहा है।
अधिक से अधिक महिलाएं बैंक तक आएं इसलिए अब निजी बैंक और सरकारी बैंक महिलाओं के विशेष ब्रांच खेाल रहे हैं। एचडीएफसी बैंक छह मेट्रो सिटीज में एक एक विशेष ब्रांच खोल रहा है जबकि बिहार की राजधानी पटना के आशियाना नगर में एचडीएफसी की विशेष ब्रांच खुल चुकी है|





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Thursday 19 January 2017

इन करणो से दोबारा फाइनेंस करना पड़ता है आपको अपना होम लोन


एक बार फिर से Regrob आपकी सेवा में हाज़िर है, अगर आपको अपना होम लोन दोबारा फाइनेंस करना है तो आप हमसे यानि Regrob से संपर्क करे, हम आपका फाइनेंस कम से कम ब्याज दर पर करायगे | जिससे आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा ओर आप अपना होम लोन आसानी से चुका पायगे | हम आपकी सेवा से हरदम आपके साथ है |



होम लोन दोबारा फाइनेंस करवाने का मतलब है कि मौजूदा लोन का भुगतान करने के लिए दूसरे बैंक या उधारदाताओ से नया लोन लेना है। होम लोन या हाउसिंग लोन (इसे दोबारा फाइनेंस करवाने के रूप में भी जाना जाता है) को बदलने के दो प्राथमिक कारण हैं:-

(1) ब्याज की कम दर का लाभ प्राप्त करना (2) मूल लोन राशि पर टॉप-अप का सही लाभ प्राप्त करना


हालांकि,
        इन दोनों कारणों के अलावा, पुराने लोन का भुगतान करने के लिए नया लोन लेने के ओर भी कई कारण हो सकते हैं। यह औरों के साथ-साथ मौजूदा उधारदाता की सेवा की खराब गुणवत्ता और लोन पोर्टफोलियो का समेकन हो सकता है।


यहाँ हम आपको होम लोन दोबारा से फाइनेंस करवाने के पांच सबसे आम और सम्मोहक कारणों के बारे में बतायगे :-


1. प्रथम कारण ब्याज खर्च पर बचत करना:-


यह नए उधारदाता से होम लोन लेने का सबसे सामान्य कारण है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति किसी और उधारदाता द्वारा प्रदान किए जा रहे होमलोन की तुलना में मौजूदा होम लोन पर अधिक ब्याज का भुगतान कर रहा है, तो
वह स्वाभाविक रूप से नया लोन लेने के लिए प्रलोभित होगा जो उसकी कुल ब्याज खर्च और फलस्वरूप उसकी ईएमआई नीचे लाने वाला हो।
गिरती हुई ब्याज दर के परिदृश्य से भी कई लोग अपना होम लोन फिर से फाइनेंस करवाने के विकल्प का चुनाव करते हैं। यह सर्वविदित है कि ज्यादातर होम लोन फ्लोटिंग दर वाले लोन होते हैं, जिसका मतलब है कि वे समग्र वृहत ब्याज दर की चाल से जुड़े होते हैं। अर्थव्यवस्था में सामान्य ब्याज दरों में गिरावट आने पर सभी उधारदाता अपने लोन पर चार्ज किए जाने वाले ब्याज में कमी नहीं करते हैं। कुछ उधारदाता एक अंतराल के बाद अपनी दरें कम कर देते हैं और कुछ उधारदाता आधार दर में आनेवाली गिरावट के बराबर दरों में कमी नहीं करते हैं।

आम तोर पर यह देखा जाता है कि जब होम लोन की ब्याज दरें ऊपर की ओर जाती हैं, तो सभी ग्राहक लोन दरों का रूझान ऊपर की ओर जाने का होता है। हालांकि, विपरीत स्थिति में सभी लोन दरों के नीचे की ओर आने की संभावना नहीं होती है। यह भी होम लोन फिर से फाइनेंस करवाने को एक आकर्षक विकल्प बना देता है क्योंकि आपका मौजूदा लोन बाजार की प्रचलित ब्याज दरों से समायोजित हो जाता है, जिससे ब्याज खर्च पर आपकी काफी बचत होती है और आपकी मासिक ईएमआई का बोझ कम हो जाता है।"

2. फ्लोटिंग दर वाले लोन से स्थायी लोन या ठीक इसके विपरीत जाना:-


होम लोन ग्राहक इन दो स्थितियों में से किसी एक स्थिति में हो सकते हैं: हो सकता है कि वे अधिक फ्लोटिंग ब्याज दर का भुगतान कर रहें हों और इसलिए स्थायी दर वाले होम लोन की ओर जाने में भलाई देखने वाले हों। इस स्थिति में उनकी ईएमआई समय की एक निश्चित अवधि के लिए स्थिर हो जाएगी। वैकल्पिक रूप से, वे अधिक दर पर स्थायी होम लोन के साथ चिपके रह सकते हैं (स्थायी दर वाले लोन आम तौर पर समय के किसी भी बिंदु पर फ्लोटिंग दर वाले लोन की तुलना में ऊंची दर पर होते हैं)। इस स्थिति में, वे महसूस कर सकते हैं कि समग्र ब्याज दरें नीचे की ओर चली गई हैं और फ्लोटिंग दर वाले लोन उनके मौजूदा लोन की तुलना में काफी सस्ते हैं और लोन बदलने में भलाई है। इन दोनों स्थितियों में कोई भी फिर से फाइनेंस करवाने का विकल्प चुनना पसंद कर सकता है।

चलिए एक ऐसे व्यक्ति का उदाहरण लेते हैं जिसने दो साल पहले प्रतिवर्ष 12.25% की दर पर 50 लाख रुपए का 20 वर्ष के लिए स्थायी दर वाले होम लोन को चुना था और अब लगभग 56,000 रुपए की मासिक ईएमआई का भुगतान कर रहा है। लोन की तुलना करने वाले सर्विस इंजन deal4loans.com के सह-संस्थापक ऋषि मेहरा कहते हैं "दो साल तक ईएमआई का भुगतान करने के बाद, उसकी बकाया लोन राशि 48,67,866 रुपए है। शेष अवधि (18 वर्ष) के लिए, वह दूसरे बैंक की ओर शिफ्ट होने का फैसला करता है जो प्रतिवर्ष 9.75% की दर पर फ्लोटिंग दर वाले होम लोन की  पेशकश कर रहा है। इस तरह वह अपनी ईएमआई 56,000 रुपए से कम करके 48,000 रुपए के करीब पहुंचा देता है और उसकी कुल ब्याज खर्च 84 लाख रुपए से नीचे 67 लाख रुपए तक आ जाती है।"

यह सच है कि उस व्यक्ति को अपना लोन समय से पहले बंद करने और दूसरे उधारदाता से अपना लोन फिर से फाइनेंस करवाने के लिए कुछ खर्च उठाना पड़ सकता है, लेकिन लोन की शेष अवधि के दौरान वह जो बचत करने में सक्षम होगा, उसकी तुलना में इन चार्जों के नगण्य होने की संभावना है।

3. अतिरिक्त लोन का अवसर:-


होम लोन फिर से फाइनेंस करवाने के साथ-साथ ग्राहकों के पास प्रचलित होम लोन की दरों पर इन्क्रीमेंटल फंडिंग लेने का विकल्प होता है। उदाहरण के लिए, मि. ए ने 5 साल पहले 50 लाख रुपए की संपत्ति खरीदने के लिए 40 लाख रूपए का लोन लिया था। 5 साल तक ईएमआई का भुगतान करने के बाद, चलिए मान लेते हैं कि लोन का मूल्य 30 लाख रुपए से नीचे आ गया है, लेकिन संपत्ति का मूल्य अच्छा खासा 1 करोड़ रुपए तक हो गया है।

हम आपको बताते हैं "इसका मतलब यह है कि मि. ए को अब इस संपत्ति पर 80 लाख रुपए तक का होम लोन मिल सकता है, अगर वह ऐसा चाहते हैं। लेकिन लोन के रूप में वह पूरी राशि का लाभ नहीं उठा सकते हैं क्योंकि उनका अभी भी 30 लाख रुपए का लोन बकाया है जिसे नया लोन लेने से पहले उन्हें निपटाना है। इस स्थिति में मि. ए 30 लाख रूपए की बकाया राशि कम ब्याज दर पर स्थानांतरित करने के लिए, अपना लोन फिर से फाइनेंस करवा सकते हैं, साथ ही उसी ब्याज दर से कम या ज्यादा दर पर वे 50 लाख रुपए (80 लाख रुपए माइनस 30 लाख रुपए) की इन्क्रीमेंटल फंडिंग प्राप्त कर सकते हैं"।

हालांकि, आप को दूसरे उधारदाता से केवल तभी अपने लोन के टॉप-अप का चुनाव करना चाहिए अगर आपको कम दरों का लाभ मिल रहा है, नहीं तो इसे अपने मौजूदा उधारदाता से लेने की कोशिश करें क्योंकि यह आसान होगा और आपको लोन फिर से फाइनेंस करवाने के लिए खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। पैसाबाजार के सह-संस्थापक और सीईओ नवीन कुकरेजा कहते हैं, "क्या 'टॉप अप' के विकल्प का फायदा उठाने के लिए आपको अपना हाऊसिंग लोन बदलने के लिए योजना बनानी चाहिए, मैं टॉप-अप प्लान के लिए अपने मौजूदा बैंक से संपर्क करने की सलाह दूंगा, अगर ब्याज की दरें समान हैं। अगर आपका लोन चुकाने का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और साथ ही संपत्ति का मूल्य भी बढ़ा है, तो काफी संभावना है कि मौजूदा उधारदाता टॉप-अप के लिए आपके अनुरोध पर विचार कर सकता है।"

4. मौजूदा बैंक की घटिया सेवा:-


अगर बैंक जिससे आपने अपना होम लोन लिया है, ठीक से आपकी सेवा नहीं कर रहा है, तो - उदाहरण के लिए, अगर वह समय पर लोन का स्टेटमेंट नहीं जारी करता है, घटिया ग्राहक देखभाल सेवाएं प्रदान करता है या ब्याज दरों में होने वाले परिवर्तन के प्रति प्रतिक्रिया करने में धीमा है, तो फिर अच्छी सेवाएं प्रदान करने के लिए जाने जाने वाले उधारदाता से अपना लोन फिर से फाइनेंस करवाने के लिए आपके पास हर कारण मौजूद है।

5. वित्तिय स्थिति में बदलाव:-


आपकी आमदनी में कोई भी वृद्धि या कमी अपनी ईएमआई भरने की आपकी क्षमता को प्रभावित करती है। किसी कारण से आपकी मासिक आमदनी कम हो जाती है या कोई अन्य वित्तीय दायित्व आ जाता है, तो अपनी ईएमआई की मात्रा कम करने के लिए लंबी अवधि वाले होम लोन से बदलकर होम लोन फिर से फाइनेंस करवाना अच्छा विचार है। BankBazaar.com के संस्थापक और सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं "वहीं दूसरी ओर, अगर आप, जब आपने होम लोन लिया था, उसकी तुलना में बेहतर वित्तीय स्थिति में हैं, तो होम लोन फिर से फाइनेंस करवाने का विकल्प चुनने और लोन की अवधि कम करने के लिए यह अच्छा समय हो सकता है, जिससे आपकी ईएमआई राशि में वृद्धि हो जाएगी, लेकिन निश्चित रूप से अब आप अपना होम लोन जल्दी चुकाने में सक्षम होंगें।"

इस प्रकार, अन्य लाभों के अलावा,आप काफी बचत कर सकते हैं अगर आप अर्थव्यवस्था में समग्र ब्याज दर की गति को ध्यान में रखकर अपना होम लोन फिर फाइनेंस करवाते हैं। हालांकि, यहाँ कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है।



वॉच आऊट :-



यहाँ हम आपको  वे बातें बताने जा रहे है कि होम लोन फिर से फाइनेंस करवाने का विकल्प चुनते समय आपको किन किन बातो ध्यान में रखना चाहिए:

# लोन की समय अवधि के दौरान लोन बदलने की जल्द जल्द कोशिश करें। लोन के भुगतान के 5-६ वर्ष बाद लोन न बदलने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप पहले ही प्रारंभिक अवधि के दौरान ब्याज की राशि के अधिकांश भाग का भुगतान कर चुके होते हैं।

# प्रोसेसिंग शुल्क, मूल्यांकन शुल्क और अन्य शुल्कों पर स्पष्टता सुनिश्चित करें जो अगर आप नए लोन का विकल्प चुनते हैं, तो उसे लागू कराये।

# इस बात को लेकर सावधान रहें कि नया बैंक/उधारदाता होम लोन के आपके अनुरोध के साथ नए लोन के रूप में व्यवहार करे और इसलिए, आप को फिर से सभी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा। इसमें आपकी संपत्ति की साख, क्रेडिट मूल्यांकन आदि के कानूनी सत्यापन शामिल है |

# सुनिश्चित करें कि आपको अपने मौजूदा उधारदाता से यह कहने वाला स्टेटमेंट मिले कि सभी प्रासंगिक दस्तावेज निर्धारित समय-सीमा के अनुसार नए उधारदाता को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।

# आप हाउसिंग लोन नहीं बदल पाएंगें अगर आप अतीत में लोन चुकाने में अनियमित रहे हैं।



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Wednesday 18 January 2017

होम लोन लेने में दिखानी चाहिए होशियारी




होम लोन क्या है :-



आज के समय में महंगे होते रियल स्टेट मार्किट में अपना मकान बनाने के लिए आज होम लोन बहुत ज्यादा अनिवार्य सा हो गया है ! आज के समय में रियल स्टेट मार्किट से जुड़ी की ज्यादातर बड़ी-बड़ी  डील्स लोन पर ही आधारित होती है !

मासिक किश्तों में तय ब्याज राशि को लोन की मूल राशि के साथ वापस किये जाने की शर्तों पर बैंकों द्वारा मकान खरीदने के लिए दिया जाने वाला लोन ही होम लोन कहलाता है ! किसी भी व्यक्ति को अधिकतम कितना लोन दिया जा सकता है इसका निर्धारण बैंकों द्वारा व्यक्ति के सेलरी,प्रोपर्टी आदि के आधार पर किया जाता है ! इन मानकों में आपकी कुल इनकम,सेलरी,खर्च आदि का वेरिफिकेशन भी किया जाता है !

क्या है ईएमआई :-


ईएमआई का मतलब होता है मासिक क़िस्त “ईक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट यानी वह धन राशि जो क्लाइंट द्वारा लिए गए लोन के भुगतान करने के लिए  प्रत्येक महीने बैंक को तय की गयी किश्तों में ब्याज के साथ लोटाता है ! ईएमआई के रूप में किया जाने वाला रीपेमेंट मूलतया दो भागों में होता है,प्रिंसिपल एमाउंट और इंट्रेस्ट एमाउंट ! प्रिंसिपल एमाउंट वह मूल धन राशि होती है जो आप बैंक से लोन के रूप में ली गयी हो, जबकि इंट्रेस्ट एमाउंट आपके कुल लोन धन राशि पर लगाने वाला ब्याज होता है ! लोन लेने वाले व्यक्ति के लिए अगर सबसे ज्यादा किसी चीज़ को समझने की जरुरत होती है तो वो है ईएमआई ! अक्सर लोन लेकर अपना सपना साकार करने के उत्साह में लोग  ईएमआई प्लान्स को ठीक से ना समझने की चूक कर जाते  हैं जिसका भुगतान उन्हें  अपनी मेहनत की कमाई से करना ही पड़ता है ! लोन दिये जाने के समय बैंकों द्वारा अलगअलग तरह की ईएमआई स्कीम्स आपको समझाई जाती हैं जिनमे आपको अपनी सुविधानुसार कोई एक मंथली स्कीम चुनना बहुत ज़रूरी होता है ! ईएमआई को लेकर अगर आप गंभीर नहीं हैं तो जरूर याद रखिये आपको भारीभरकम नुकसान भी उठाना पड़ सकता है !


ईएमआई प्लान का चयन करने में कहाँ करते है लोग चूक :-


इस बात का खास ख्याल रखिये कि होम लोन या अन्ये लोन की डील करते समय आप मार्किट के प्लेटफोर्म पर खड़े होते हैं अत: आपको बाजार की लाभ  वाली सोच के साथ डील करनी चाहिए ! अक्सर ऐसा होता है कि ईएमआई प्लान का चयन करते समय आप दूरगामी फायदे की बात नहीं सोचते और ईएमआई एडवाइजर की बातों को ही सही मान बैठते हैं ! लोन पर जारी एक एक्सपर्ट सर्वे में यह बताया गया है कि ज्यादातर लोग “शोर्ट ईएमआई या लॉन्ग ड्यूरेशन का प्लान इसलिए चुन लेते हैं क्योंकि उनको यह लगता है कि हर महीने कम पैसा देना पड़ेगा | बाजार और मुनाफे के नजरिये से यह बेहद घाटे की डील कही जा सकती है | तुरंत में दिखने वाली आसान किश्तों के नाम पर लोगों द्वारा “शोर्ट ईएमआई लॉन्ग ड्यूरेशन का प्लान चुन लेने का सीधा असर उनके कुल ब्याज पर पड़ता है और उन्हें बहुत ज्यादा धन ब्याज के तौर पर देना पड जाता है  !  

ईएमआई प्लानिंग पर एक्सपर्ट की राय क्या है :-


एम्स्टर्डन में एंटी मनी लाऊंडरिंग कंसल्टेंट  के रूप में कई सालों से काम कर रहे, उनका कहना है कि लोन लेते वक्त सबसे पहले लोगों को अपनी जेब का दायरा समझने की जरुरत होती है ! एक अच्छी मासिक क़िस्त (ईएमआई) प्लानिंग ये है कि सबसे पहले  हम अपने बजट के हिसाब से “मैक्सिमम ईएमआई  मिनिमम ड्यूरेशन तय करनी चाहिए | जितनी अधिक धन राशि का ईएमआई हम ले पायेंगे हमारे लोन का समय अवधि काल उतना ही कम होगा और इससे कुल ब्याज में भारी कमी आयेगी जिससे हम ब्याज राशि में बहुत बचत कर सकते हैं | जबकि दुसरी तरफ अगर आप लंबे समय अवधि वाले ईएमआई प्लान चुनते हैं तो आपको प्रति महीने प्रिंसिपल एमाउंट कम और इंट्रेस्ट एमाउंट  ज्यादा देना होगा ! लॉन्ग ड्यूरेशन वाले ईएमआई प्लान का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि महीने दर महीने प्रिंसपल एमाउंट में बढोत्तरी बहुत धीमी गति से होती है जिससे आपके ब्याज प्रभावी कमी नहीं होती ! हमारी पहली कोशिश अधिक से अधिक प्रिंसपल एमाउंट को अधिकतम चुकाने की होनी चाहिए ! हम जितना अधिक प्रिंसपल एमाउंट जमा करेंगे हमारा इंट्रेस्ट एमाउंट उतना ही कम होता जाएगा |

इंट्रेस्ट के जाल को ऐसे समझे :-


प्राय: बहुत से बैंक कुछ इस प्रकार की ईएमआई स्कीम तय करते हैं जिसके तहत ज्यादातर इंट्रेस्ट एमाउंट रिकवर करने को पहली वरीयता दी जाती है उसके बाद दूसरी वरीयता में मूलधन रिकवर किया जाता है | मान लीजिए अगर आपने किसी बैंक से 20 साल के लिए 11 %  ब्याज पर पर 20 लाख रुपये का लोन लिया ! इसे लॉन्ग ड्यूरेशन शोर्ट ईएमआई प्लान कहा जाएगा ! इस ईएमआई स्कीम के दुवारा आपको हर महीने लगभग 20644 रुपये देने होंगे | अगर आप इस एमाउंट पर गौर करें तो आपने बेशक 20644 रुपये  बैंक को दिये मगर इस एमाउंट में से 18,333 रुपये ब्याज के तौर पर बैंक में जमा हुए जबकि आपके प्रिंसपल एमाउंट के तौर पर मात्र 2310 रुपये जमा हुए | इसका मतलब आपके कुल 20 लाख की लोन राशि में से मात्र 2310 रुपये कम हुए और अगले महीने आपको 19 लाख 97 हजार 9 सौ दस रुपये पर इंट्रेस्ट देना होगा | इस स्कीम से एक बात तो साफ़ समझ में आ जाती है कि अगर प्रिंसिपल कम जमा होगा तो इंट्रेस्ट ज्यादा देना पड़ेगा ! इसीलिए, हमें ब्याज के रूप में इससे भी बड़ी धनराशि बैंक को देनी होगी ! अगर हम लोन का ड्यूरेशन कम करके इसे 15 साल का कर लें तो हमारा ईएमआई 22,732 रुपये होगा लेकिन इस स्कीम में हमारा प्रिंसिपल एमाउंट 2310 रुपये की बजाय लगभग उसका दोगुना यानी 4399 रुपये हो जाएगा | चुकि प्रिंसिपल एमाउंट ज्यादा जमा होने का मतलब है कि कुछ ही समय बाद इंट्रेस्ट एमाउंट धीरेधीरे कम होता जाएगा जिससे हमें बैंक को कम इंट्रेस्ट देना पड़ेगा | तुलनात्मक रूप से इन दोनों ईएमआई स्कीम्स को देखें तो ईएमआई में मात्र 2100 रुपये का फर्क आता है जबकि हमारा प्रिंसिपल एमाउंट दोगुना हो जाता है ! अत: एक बात तो साफ़ है कि ईएमआई प्लानिंग में अगर थोड़ी समझदारी दिखाई जाय इंट्रेस्ट के नाम पर बैंकों को जा रहे लाखों रुपयों की बचत की जा सकती है |

सॉफ्टवेयर एप्स भी बहुत मदद करेंगे :-


तकनीक के इस दौर में ईएमआई प्लानिंग से रिलेटेड सभी सॉफ्टवेयर भी आसानी से मार्किट में उपलब्ध हैं जो आपको आपके बजट और फायदे का ईएमआई प्लान चुनने में मदद कर सकते हैं | हाल ही में तमाम लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया एक Google एंड्रोइड अप्लिकेशन ईएमआई एक्सपर्ट(EMI Expert) इस दिशा में काफी कारगर साबित हुआ ! ऐसे सॉफ्टवेयर्स आपको हर एक स्कीम के फायदे और नुकसान को सेकेंडों में समझाने में मदद करते हैं ! ईएमआई एक्सपर्ट एप्स को यूज कर रहीं संगीता जैकुमार कहती हैं कि वो इस एप्स की मदद से अब तक लाखों रुपये  सेव कर चुकी हैं जो पहले ब्याज में जा रहा था !

ईएमआई से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु :-


    पहली वरीयता लोन लिए गए प्रिंसिपल एमाउंट के अधिकतम भुगतान को दें ! ईएमआई में प्रिंसिपल एमाउंट जितना अधिक होगा अंत में कुल इंट्रेस्ट एमाउंट उतना ही कम होगा !
    बैंकों द्वारा ईएमआई के रूप में हर महीने जाने वाले किश्त की राशि कम ऑफर किये जाने को लेकर अत्यधिक आकर्षित ना हों ! ये आपके लिए घाटे की डील साबित होगा !
    अन्य जगहों पर किये जाने वाले अपने धन के निवेश से मिलने वाले फायदों एवं लॉन्ग ड्यूरेशन ईएमआई से होने वाले नुकसान के बीच का फर्क जरुर देखें | अगर अन्य जगह पर निवेश से होने वाला फायदा लॉन्ग ड्यूरेशन ईएमआई के कारण होने वाले नुकसान से कम है तो वहाँ निवेश करने की बजाय अपना ईएमआई शोर्ट ड्यूरेशन कर लें एवं उस धन को यही इस्तेमाल कर लें |


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Monday 16 January 2017

महिलाओ को भी मिलता है होम लोन, महिलाओ के लिए योजनाए तो बहुत है लेकिन इस बात की जानकरी सबको नही है  

Regrob महिलाओ के लिए भी होम लोन की सुविधा लेकर आये है, महिला होम लोन के लिए विषेस ऑफर लेकर आये है | सरकार भी महिलाओ की उन्नति के लिए बहुत से कदम उठा रही है | हर महिला को खुद की उन्नति करने का हक है |


किसे देगी महिलाओं को बैंक लोन :-


ये तो सभी जानते है की महिलाओ को हर जगहों पर बहुत छूट मिलती है, जैसे किसी महिला के नाम कोई ज़मीन या घर कराया जाता है तो उसमे भी छूट मिलती है |



सरकार ने बहुत तरह के लोन महिलाओ के लिए प्रचलित किये है, लेकिन सभी को इस बारे में नही पता, तो यह हम आपको महिलाओ के लोन के बारे में बतायगे |


इसके लिए महिला की आयु 18 साल या उससे अधिक होनी बहुत जरुरी है, महिलाओ का शिक्षित होना भी बहुत जरुरी है। बैंक लोन की सुविधा उन्हीं महिलाओ  देता है जिन महिलाओ का बैंक में पहले से अकाउंट हो, इसलिए महिलाओ को बैंक में जाकर अपना अकाउंट चालू करवाना चाहिए |

महिलाओ को बहुत काम ब्याज दर पर बैंक होम लोन प्रदान करता है |

 जिस महिला ने होम लोन अप्लाई किया है और उनका बैंक में एकाउंट नहीं है तो बैंक के नियम के अनुसार पहले उन्हें बैंक में एकाउंट खुलवाना होगा और कई महीने तक अकाउंट में एक नियम के तहत मिनिमम बैलेंस मेंटेंन रखना चाहिए।

व्यवसायिक लोन या वी मंगला लोन :-


बैंक महिलाओं को यह लोन मालिकाना हक प्रदान करती है, और पार्टनरशिप फर्म के लिए भी देता है। बैंको नियम के अनुसार यह लोन महिला को तभी देता है जब इससे संबंधित पार्टनशिप व्यवसाय में उसकी पार्टनरशिप कम से कम 51 फीसदी होनी चाहिए।

इस योजना के तहत बैंक अधिकतम पांच लाख रुपए तक का ही लोन देती है। बैंक या फाइनेंसियल कंपनी और मशीनरी के सारे पेपर अपने पास सबूत के रूप में रख लेती है। इस योजना की सबसे महत्पूर्ण बात यह है कि इस योजना में बैंक किसी भी प्रकार के गारंटर की मांग नहीं करता है।

बैंक ने लोन कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया है। इस लोन के अंतरगर्त बैंक महिलाओं को कार, जूलरी, और दुपहिया खरीदने के लिए भी लोन देती है।

ज्यादातर लोन तीन लाख तक का ही होता है, इस लोन की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस लोन पर ब्याज दर साधारण ब्याज दर से एक फीसदी (1%) कम होती है। इसके अलावा महिलाओं के लिए मुफत क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध कराती है। इसपर महिलाओ को कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ता है।
लोन के साथ इंश्योरेंस कवर भी सुविधा उपलब्ध करती है ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में लोन की राशि बीमा से पूरी की जा सके।


महिलाओं की सुविधा के लिए बहुत कुछ है बैंक के खातों में :- 


महिलाएं पैसे की बचत करनेके लिए माहिर होती हैं। कम खर्च में घर का खर्च चलाने से लेकर मेहमान नवाजी तक, बच्चों की फीस से लेकर बीमारी तक हर काम आसानी से हो जाए और कुछ पैसे रेनी डेज के लिए भी बचा लेती है| उसके लिए महिलाएं हर संभव कोशिश में लगी रहती हैं। बैंक महिलाओं की बचत की इस आदत को बखूबी जानते हैं। यही वजह है कि अधिक से अधिक महिलाओं को बैंक तक लाने के लिए बैंक ने उनके लिए विशेष एकाउंट से लेकर लोन तक की सुविधाएं दे रहे हैं।

महिलाओ के इमप्रोवमेंट के लिए सरकार बैंकों के साथ मिलकर भी कई योजनाएं चला रही है। जिसमें महिलाओं को जीरो बैलेंस पर एकाउंट खोलने से लेकर अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छुक महिलाओं को लोन उपलब्ध करवाने, एटीएम कार्ड, शॉपिंग, खाने पीने से लेकर मैक्सिमम ट्रांजैक्शन आदि तक की सुविधाएं उपलब्ध करा ही रही है साथ ही बच्चों के लिए एकाउंट खोलने की सुविधा दे रही है। अधिक से अधिक महिलाएं बैंक की इन योजनाओं के बारे में जानें और इन योजनाओं का लाभ उनतक पहुंचे इसके लिए जागरूकताा कैंपेन भी चलाती रहती है। बैंक इन योजनाओं का नाम भी महिलाओं के नाम पर ही चला रही है। लेकिन क्या सचमुच इन सभी सुविधाओं का फायदा महिलाओं तक पहुंच रहा है या महिलाओं को इसकी जानकारी है।
बैंक एकाउंट खोलने के लिए
 बैंक में एकाउंट खोलने का प्रोसिजर लगभग एक सा ही होता है। बैंक एकाउंट खोलने के लिए ,एड्रेस प्रूफ, फोटो आई काड , पैन कार्ड आदि की आवश्यकता होती है। पहचान पत्र के और एड्रेस प्रूफ के लिए वोटर आईडी, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट और बिजली बिल आदि की जरूरत होती है। बैंक समय समय पर अपना टार्गेट पूरा करने के लिए साल में एक या दो बार जीरो बैलेंस एकाउंट खोलने की सुविधा भी मुहैया कराता है। वैसे महिला एकाउंट खोले जाने का प्रोसेस भी जनरल एकाउंट की तरह ही होता है, यहां तक कि डिपोजिट भी। बैंक की पॉलिसी के हिसाब से अधिकतर सरकारी बैंक कि डिपोजिट राशि कम ही होती है जबकि निजी बैंक पांच से दस हजार रुपए तक डिपोजिट रखने की बात करते हैं। वैसे सभी बैंक बीच बीच में जीरो बैलेंस एकाउंट स्कीम भी चलाते है। इस योजना के तहत महिलाओं को एकाउंट में निश्चित राशि रखने की बाध्यता नहीं होती है।


महिला के लिए एकाउंट की सुविधाएं :-


चूंकि घर की ज्यादातर खरीददारी की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही होती है इसलिए अधिक से अधिक महिलाओं को आकर्षित करने के लिए बैंक महिलाओं के विशेष एकाउंट और एटीएम कार्ड पर खरीददारी के लिए कई तरह की योजनाएं और सुविधाएं भी देते हैं।  
अधिक से अधिक शॉपिंग में डिस्काउंट के साथ, कैश बैक ऑफर और डाइनिंग में भी डिस्काउंट मुहैया कराती है।
 कुछ बैंक महिला एकाउंट के साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अलग से एकाउंट खोलने की सुविधा भी देती हैं।
साथ ही बैंक किसी भी एटीएम से ट्राजैंक्शन की निशुल्क सुविधा के साथ, बीमा की सुविधा भी दे रही हैं।

क्यों पॉपुलर नहीं हैं महिलाओं की बैंक योजनाएं

बैंको द्वारा महिलाओं के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन बैंक प्रशासन उन योजनाओं के प्रचार प्रसार पर खास ध्यान नहीं देती है जिसकी वजह से योजनाओं की जानकारी आम महिलाओं की पहुंच से थोड़ी दूर है और बैंक द्वारा दिए जा रहें लाभ से भी दूर हैं।
बैंक महिलाओं के विशेष बचत खाते पर 0.25 परसेंट तक ब्याज बढा कर देना होता है। वहीं लोन पर भी साधारण ब्याज की तुलना में महिलाओं को लोन के ब्याज में 0.25 से 0.50 परसेंट तक सब्सिडी अधिक दी जाती है।
महिलाओं के लिए बैंक द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी आम और जरूरतमंद महिलाओं तक तक कभी पहुंच ही नहीं पाती है।
अक्सर बैंक इन खातों और लोन की जानकारी महिला दिवस पर वुमन इंपावरमेंट के नाम पर जारी करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं।
देश में महिलाओं को छोड दीजिए पुरुष भी फाइनेंसियल मामलों में जागरूक नहीं है या यूं कहें कि समझ नहीं रखते हैं। अगर उन्हें यह पता नहीं है कि बैंक के पास उनकी जरूरतों के हिसाब से क्या क्या योजनाएं हैं और उससे उन्हें क्या फायदा हो सकता है तो वे उसका फायदा कैसे लेंगे।
बैंक भी अपनी उन्हीं योजनाओं का प्रचार प्रसार करता है जिसमें उसे अधिक से अधिक फायदा होता है। जबकि बैंक को और आरबीआई को यह चाहिए कि वह बैंक को उन योजनाओं ब्रांच में ही नहीं बल्कि पोस्टर व बैनर के द्वारा प्रचार प्रसार वह इंगिलिश, हिंदी के अलावा लोकल लैंग्वेज में भी करे।  वेबसाइट पर दी जानेवाली जानकारी में विशेषतौर पर महिलाओं के लिए दी जा रही सुविधाओं को भी बहुत हाइलाइट नहीं किया गया है।
बैंकों की महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं
विजया बैंक की वी स्वशक्ति और वी मंगला
 वी स्वशक्ति
विजया बैंक कई वर्षों से महिला उद़यमियों के लिए और उन महिलाओं के लिए जो छोटे व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं उनके लिए ‘वी स्वशक्ति’ योजना चला रहा है। जिसके अंतर्गत छोटे व्यवसाय और रोजगार शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराती है। बैंक टेलरिंग, कैटरिंग, कैंटीन, अचार, मसाला बनाने से लेकर क्लीनिक, पापड़ बनाने तक, ब्यूटी पार्लर, क्रेच, प्ले स्कूल, टय़ूशन, कोचिंग क्लासेज, लाइब्रेरी, सिरेमिक आदि के साथ, डिर्पाटमेंटल स्टोर, हैंडी क्राफट, मेडिकल शॉप, काउंसिलिंग, कैंडिल मेकिंग, हेल्थ सेंटर, लांड्री, बेकरी, ट्रेवल एजेंसी आदि के लिए लोन देती है।


स्टेट बैंक आफ इंडिया का महिलाओ के लिए पैकेज :-


 बैंक अपनी एकाउंट धारक महिला ग्राहकों के लिए लोन के इंटरेस्ट रेट में 0.25 परसेंट तक की विशेष रियायत देता है। इस लोन का मकसद सिर्फ महिलाओं को इंडीपेंडेंट बनाने में मदद करना है। पांच लाख तक के लोन पर बैंक महिलाओं से किसी तरह के कोलेटरल सिक्योरिटी भी नहीं लेता है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ आई कार्ड और एड्रेस प्रूफ पर लोन प्रदान कराता है।



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Friday 13 January 2017

होम लोन पर ब्याज दर कम करने के लिए योजना



Regrob आपके लिए सभी बैंको से ब्याज दर कम करने की योजनाओ के लिए सुन्हेरा मौका लेकर आये है, हम आपको कम से कम ब्याज दर पर होम लोन दिलाने में आपकी पूरी मदद करेगे | Regrob आपकी सेवा में हरदम साथ है |


होम लोन ब्याज दर को कम करने के लिए केंद्र सरकार दुवारा काफी गंभीरता से विचार चल रहा है| हमारी जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार एक ऐसी योजना ला रही है जिसके तहत मध्यम वर्ग के लोगो को घर खरीदने के लिए लोन लेने में कम ब्याज दर देना पड़ेगा ।



जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर है, उन्हें घर खरीदने में मदद करने और रियल एस्टेट में मांग बढ़ने के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी देने की योजना बना रही है सरकार , शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि निम्न आय वर्ग और आंशिक मध्यम वर्ग के लोगो के लिए हाउसिंग सेक्टर के लिए हम आपके लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम ला रहे हैं। साथ में ये भी कहा है कि सरकार ब्याज दरों में भी कमी कि व्यवस्था कि और बढ़ रही है | सरकारी आकड़ो के मुताबिक, वर्ष 2012 में हमारे देश में 187.8 लाख घरो कि कमी थी | ऐसी कमी को पूरा करने के लिए ये कदम उठाया गया है | ताकि सभी के पास अपना खुद का घर हो, जिससे सभी लोगो को ख़ुशी मिले |


जो बैंक फिक्स डिपॉजिट पर देते हैं सर्वोत्तम ब्याज दरें :- 

दरअसल बैंक की ब्याज आय कर देने के बाद लगभग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर के स्तर पर है। इस ब्याज दर से अच्छा लाभ पाने का बहुत कम अवसर दिया गया है। जहां तक बात करें बैंकों की तो उनसे अच्छी ब्याज दरें पोस्ट ऑफिस से मिल रही हैं। ऐसे में कुछ लोग कंपनी फिक्स डिपॉजिट में निवेश कर रहे हैं और अच्छा लाभ कमा रहे हैं। यहां कुछ सरकारी बैंक भी हैं जो अच्छी ब्याज दरों पर फिक्स डिपॉजिट की अच्छी सुविधा देते हैं।


स्टेट बैंक ऑफ मैसूर :-


स्टेट बैंक ऑफ मैसूर लोगों को 7.60 प्रतिशत की ब्याज दर से 1 से 2 साल के लिए फिक्स डिपॉडिट का लुभावना ऑफर दे रहा है। फिक्स डिपॉजिट पर किसी सरकारी बैंक द्वारा दी जाने वाली ये सर्वोच्च ब्याज दर है।



यूनियन बैंक ऑफ इंडिया :-


स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ही दूसरा बैंक है जहां फिक्स डिपॉजिट पर सबसे ज्यादा ब्याज दर मिलती है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 7.55 प्रतिशत की ब्याज दर से फिक्स डिपॉजिट का ऑफर देता है। ये लाभ एक से तीन साल तक के फिक्स डिपॉजिट पर मिलता है। वहीं बैंक 3 से 5 साल तक के फिक्स डिपॉजिट पर 7.50 प्रतिशत की दर से ब्याज दर देता है जो सामान्यत: सभी बैंक देते हैं।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र, महानिधि डिपॉजिट :-


बैंक ऑफ महाराष्ट्र महानिधि डिपॉजिट या फिर इसे फिक्स डिपॉजिट ही कह लें, ये बैंक 444 दिन के लिए 7.51 प्रतिशत की दर से फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दर देता है। इस नजरिए से इस बैंक का मार्जिन सरकारी बैंको से काफी ज्यादा है।

आईडीबीआई बैंक :-


अन्य बैंकों से अलग आईडीबीआई बैंक 1 से 3 साल तक के लिए फिक्स डिपॉजिट का ऑफर देता है, ये बात अलग है कि उसकी ब्याज दर औरों से थोड़ी कम रहती है। आईडीबीआई बैंक 7.50 प्रतिशत की दर से फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज देता है।


केनरा बैंक :-


फिक्स डिपॉजिट पर केनरा बैंक भी 7.5 प्रतिशत की दर से होम लोन देता है। हालांकि ये फिक्स डिपॉजिट एक साल तक के लिए और दो साल से कम का होना चाहिए। ध्यान रहे कि इन सब के बीच अगर फिक्स डिपॉजिट पर 10,000 से अधिक का लाभ मिल रहा है तो उस पर टीडीएस लागू होगा।

कॉर्पोरेशन बैंक :-


कॉर्पोरेशन बैंक भी फिक्स डिपॉजिट पर केनरा बैंक की तरह ही 7.50 प्रतिशत की ब्याज दर देता है। हलाकि एक मामले में ये थोड़ा अलग है, केनरा बैंक 1 साल के लिए और दो साल से कम समय तक के फिक्स डिपॉजिट पर 7.50 प्रतिशत की दर से ब्याज देता है जबकि कॉर्पोरेशन बैंक 1 साल से ऊपर और 3 साल से कम समय तक पर 7.50 प्रतिशत की दर से लोन देता है।



अन्य बैंकों की पॉलिसी :-



इन सरकारी बैंको के अलावा सभी बैंक हैं जो 7 या 7.40 प्रतिशत की दर से ब्याज दर पर फिक्स डिपॉजिट का ऑफर देते हैं साथ ही कुछ निजी बैंक भी इसी ब्याज दर पर फिक्स डिपॉजिट की सुविधा देते हैं।


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Wednesday 11 January 2017

होम लोन या अन्ये लोन कैसे और कहाँ से लें




अगर आप होम लोन या किसी भी प्रकार का लोन (ऋण) लेने की सोच रहे हैं, तो ज़रूरी है बैंक से लोन संबंधी सभी ज़रूरी जानकारियां हासिल कर लें. लोन की मासिक क़िस्त (ईएमआई),ब्याज दर (इंटरेस्ट रेट), प्रक्रिया आदि पहलुओं पर गौर कर लेनी चाहिए, ताकि आप सही निर्णय ले सकें, यहां हम आपको लोन (ऋण) से संबंधित पूरी जानकारी देते है, होम लोन या अन्ये लोन दिलाने में एक्सपर्ट  रेग्रॉब (Regrob) से संपर्क करे, हम आपको किफायती ब्याज दर पर होम लोन या अन्ये लोन प्रोवाइड कृते है |



1) होम लोन या कोई भी लोन (ऋण) लेने से पहले मार्केट रेट की पूरी रिसर्च कर लेनी चाहिए, जैसे- बैंक की ब्याज दर क्या है, लोन की अवधि कितनी होनी चाहिए |

2) आपको किन-किन डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत होगी? महिलाओं को लोन लेने के लिए कोई विशेष ऑफर क्या चल रहा है इत्यादि |

3) आपको लोन (ऋण) ऐसी संपत्ति के आधार पर लेना चाहिए, जिसे आपको भविष्य में बेचने पर मुनाफ़ा मिले|

4) आपको अपनी वार्षिक आय का 5 गुना से ज़्यादा लोन (ऋण) नही लेना चाहिए |

5) लोन (ऋण) लेने में आपको किसी भी तरह की जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए | सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के बाद ही आपको कोई निर्णय लेना चाहिए |

6) ओरिजनल दस्तावेज़  की सभी प्रतिलिपियां कराकर तैयार रखनी चाहिए |

7) लोन (ऋण) संबंधी दस्तावेज़ जमा करते समय बैंक एग्ज़ीक्यूटिव को घर-कार आदि के ओरिजनल पेपर्स नहीं देने चाहिए |

8) लोन (ऋण) सम्बंधित दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने से पहले सभी ज़रूरी सूचनाओं को अच्छी तरह से पढ़ना समझना बहुत जरुरी है | किसी भी तरह का संदेह होने पर बैंक एग्ज़ीक्यूटिव से संपर्क करना चाहिए |

9) यदि आप किसी चार्जेस या फी के संबंध में कोई चेक इश्यू कर रहे हैं, तो बैंक के नाम से चेक इश्यू कराये, कि बैंक एग्ज़ीक्यूटिव के नाम पर |

10) दस्तावेज़ जमा करने के बाद, यदि आपका लोन (ऋण) लेने का निर्णय बदलता है, तो तुरंत बैंक को सुचना करनी चाहिए |


एक अवधि के बाद यदि आपको लोन (ऋण) के स्वीकृत या अस्वीकृत होने की सूचना बैंक से नहीं मिलती है, तो तुरंत आपको लोन संबंधित अधिकारी से संपर्क करना चाहिए |



जरुरी जानकारी भरनी चाहिए :-


* लोन (ऋण) एग्रीमेंट की सारी कार्यवाही पूरी करने के बाद और हस्ताक्षर करने से होम लोन या कोई भी लोन (ऋण) लेने के लिए एक साथ एक से अधिक बैंकों में आवेदन नही करना चाहिए |

* लोन (ऋण) लेने से पहले आपको अपने क्रेडिट कार्ड के सभी पुराने बिलों का भुगतान कुछ महीने पहले ही कर देना चाहिए |

* पहले एग्रीमेंट को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए, उसके बाद ही हस्ताक्षर करें |

* होम लोन (ऋण) या कोई अन्ये लोन (ऋण) वेतनभोगी (जॉब करने वाले व्यक्ति) और व्यवसाय (व्यापार) करनेवाले किसी भी व्यक्ति को मिल सकता है |

* यदि आप वेतनभोगी हैं, तो पिछले 2 महीने के बैंक स्टेटमेंट की प्रतिलिपि की आवश्यकता होती है.

* यदि आप सेल्फ एंप्लॉइड हैं, तो कम से कम साल की बैलेंस शीट, प्रॉफिट (लाभ) एंड लॉस (हानि) स्टेटमेंट और एग्रीमेंट की ज़रूरत होती है |

*लोन (ऋण) को चुकाने की अवधि अमूमन - साल तक की होती है. किसी लोन (ऋण) की राशि अधिक होने पर Bank को गारंटर का प्रफ देना होता है |

होम लोन (ऋण) :-


वित्तीय संस्थान या बैंक प्रॉपर्टी/घर की कीमत के 80  % वैल्यू तक ही लोन (ऋण) प्रदान करता हैं |

ज्यातर बैंकों में होम लोन (ऋण) को चुकाने का 20 साल समय तक ही होता है, पर कुछ बैंकों ने इस समय अवधि को बढ़ाकर 30 साल तक भी कर दिया है|

लोन (ऋण) की अवधि बढ़ने से मासिक क़िस्त (ईएमआई) की रकम तो कम होती है, पर अतिरिक्त ब्याज दर चुकाने का नुकसान भी होता है. इसलिए अपने खर्चे बचत को ध्यान में रखकर ही लोन (ऋण) की अवधि का चुनाव करना चाहिए |

*  बैंक अपने क्लाइंट (ग्राहक) को आकर्षित करने के लिए कम ब्याज दर और स्पेशल स्कीम्स के साथ होम लोन (ऋण) की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, इसलिए होम लोन लेने से पहले अनुबंध पर लिखे सभी नियम शताँ को अच्छी तरह पढ़ना और समझ लेना चाहिए |

*  विशेष स्कीम्सके बारे में किसी भी प्रकार का संदेह होने पर बैंक के लोन (ऋण) संबंधी अधिकारी से संपर्क करना चाहिए |

होम लोने की डील फाइनल करने से पहले बैंक के अधिकारी से एडमिनिस्ट्रेशन चार्जेस, सर्विस चार्जेस/प्रोसेसिंग फी के बारे में सारी जरुरी जानकारियां प्राप्त कर लेनी चाहिए |

* अपनी वर्तमान नौकरी आय को ध्यान में रखकर ही होम लोन (ऋण) की मासिक क़िस्त (ईएमआई) की राशि तय करनी चाहिए |मासिक क़िस्त (ईएमआई) का भुगतान समय पर करने पर पेनाल्टी भी लग जाती है 

* लोन (ऋण) लेने के लिए पहचान पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर पहचान पत्र, पैन कार्ड या पासपोर्ट- इनमें से किसी एक की फोटोकॉपी), इनकम डॉक्यूमेंट्स (पिछले 2 महीने की सैलरी स्लिप, फॉर्म 16  (अगर मासिक वेतन 20 हज़ार रुपए से अधिक है तो), पिछले 3 महीने के बैंक स्टेटमेंट, कंपनी/कार्यालय का पहचान पत्र बैंक में जमा कराने होते हैं. * जबकि व्यवसाय करनेवाले व्यक्ति की होम लोन (ऋण) लेने के लिए पहचान पत्र, रेसिडेंस प्रफ और इनकम डॉक्यूमेंट्स (सेविंग और करंट एकाउंट के पिछले महीने की बैंक स्टेटमेंट, पिछले 2 साल की बैलेंस शीट और प्रॉफिट-एंड-लॉस एकाउंट की कॉपी, पिछले 2 साल की इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी, कॉन्ट्रैक्ट की डिटेल्स आदि) जमा कराने होते हैं.



पर्सनल लोन (ऋण) :-



* हर बैंक के पर्सनल लोन (ऋण) की ब्याज दर भिन-भिन होती है| इसलिए अनेक बैंकों से ब्याज दर के अलावा प्री-पेमेंट चार्जेस, डॉक्यूमेंट्स, एग्रीमेंट के नियम शर्तो के बारे में सारी जानकारियां हासिल करनी चाहिए |

* पर्सनल लोन (ऋण) की ब्याज दर होम लोने या अन्य लोन (ऋण) की तुलना में थोड़ी सी अधिक होती है, इसलिए लोन (ऋण) लेते वक्त उसकी समय-सीमा और मासिक क़िस्त (ईएमआई) को सोच-समझकर तय करना चाहिए |

* लोन (ऋण) को चुकाने की समय अवधि कम से कम रखनी चाहिए | यदि किसी वजह से मासिक क़िस्त (ईएमआई) भर पाये या निर्धारित अवधि तक लोन (ऋण) का भुगतान कर पाये, इन्ही विषयों पर ही सबसे पहले से ही सारी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए |

कार लोन (ऋण) :-


* कार की कीमत तय होने के बाद ही कार लोन (ऋण) के लिए आवेदन करना चाहिए|

* कार लोन (ऋण) को चुकाने की समय अवधि 5 -7  वर्ष तक ही होती है | इसलिए अपनी आय को ध्यान में रखकर ही कार की मासिक क़िस्त (ईएमआई) तय करनी चाहिए |

* लोन (ऋण) आवेदन करने से पहले कार एजेंसी से बैंक की विश्वसनीयता और साख के बारे में पूछताछ करनी चाहिए | उसके पश्चात ही लोन (ऋण) की कार्यवाही शुरू करनी चाहिए |

* बैंक कार की लागत का केवल 90% तक ही लोन (ऋण) मिल सकता  हैं |

* दस्तावेज़ के तौर पर बैंक में आईडी प्रूफ , रेसिडेंस प्रूफ, इनकम डॉक्यूमेंट्स और कार के पेपर्स (परफॉर्मा इंवॉइस, फॉर्म २०, आरसी आदि) जमा कराने होते हैं|

* बैंक में लोन (ऋण) संबंधी दस्तावेज़ों को जमा कराने से पहले कार की इंवॉइस डिटेल्स अच्छी तरह से चेक कर लेनी चाहिए |

* लोन (ऋण) लेते समय इंश्योरेंस (insurence) कवर नोट और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) बैंक के फेवर में ही लेनी चाहिए |

* किसी भी व्यक्ति को नकद भुगतान करने लोन (ऋण) की अवधि अधिक होगी, तो ब्याज भी अधिक देना पड़ेगा |

* डॉक्यूमेंट्स के तौर पर पहचान पत्र, रेसिडेंस प्रफ, सैलरी स्लिप, फॉर्म १६, की बजाय Bank के नाम से क्रॉस्ड या पोस्ट डेटेड चेक दें |


* ऋण से जुड़ी सभी कार्यवाही पूरी होने के बाद बैंक से एनओसी लेना भूलें



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फोन नंबर - +91-9529331331अथवा मेल करे –info@regrob.com