Thursday 29 December 2016

घर खरीदने के लिए होम लोन कैसे ले


हर व्यक्ति की ख्वाइश होती है कि उनका खुद का घर हो। परंतु आज के दोर में सबके पास ज्यादा पैसे होने  के कारण व्यक्ति खुद का घर नही बना सकता और ही घर  खरीद सकता है। इस समस्या को लोन के दुवारा आसानी से सुलझाया जा सकता है।




अगर आपके पास घर खरीदने के लिए एक साथ इतने सारे पैसे नही है, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप किसी भी बैंक से होम लोन ले सकते है। किसी भी बैंक से होम लोन लेने पर आप आसानी से अपना घर बनवा सकते है या खरीद सकते है। बैंक आपको आपके घर के लिए लोन देगा जो लोन आप बाद मे धीरे-धीरे कर के किस्तो में चुका सकते है बस इसके लिए बैंक आपसे थोड़ा-सा ब्याज लेगा, पर आप आसानी से इसको चुका सकते हो। अगर आप भी अपना खुद का घर लेना चाहते है या बनाना चाहते है और आपके पास इतने सरे पैसे नही है कि आप अपना घर बनवा सके या खरीद सके तो आप बैंक से होम लोन ले, जिससे आपको घर बनाने में मदद मिल सकें।

फिक्स्ड लोन क्या है


फिक्स्ड होम लोन में बैंक फिक्स्ड इंटरेस्ट चार्ज करता है। फिक्स्ड लोन में आपको फिक्स्ड बियाज रेट पर लोन मिलता है। अगर रिज़र्व बैंक के द्वारा रेपो रेट में कमी या बढ़ोतरी होती है तो तब भी बैंक बियाज दर में कोई बदलाव नही करता है। आपको जिस बियाज दर पर बैंक लोन देता है, बैंक आपसे उतने ही बियाज दर से लोन वापस भी लेता है, आपकी बियाज दर को बढ़ाता नही है। यानि बियाज दर बढ़ने पर आपके ब्याज की दर नही बढ़ती है और ईएमआई भी  नहीं बढ़ती है।

फ्लोटिंग लोन क्या होता है


फ्लोटिंग होम लोन में मार्किट के हिसाब से ब्याज दर तय होती है। फ्लोटिंग की ब्याज दरे मार्किट की स्थिति के अनुसार बदलती रहती है | इसका असर बैंक को देने वाली मासिक किश्त पर पड़ता है। इससे ईएमआई कि क़िस्त ऊपर-नीचे होती रहती है। ब्याज दर कम या ज्यादा होने पर कम या ज्यादा होती रहती है  | अगर रिज़र्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक भी ब्याज दर बड़ा देता है। ब्याज दर बढ़ने के कारण लोगो को अपनी योजना से भी ज्यादा पैसा ब्याज के रूप में देना पड़ सकता है |

होम लोन लेते समय ही चुने फिक्स्ड लोन या फ्लोटिंग लोन



  1. फ्लोटिंग लोन की बियाज दर फिक्स्ड लोन की बियाज दर से कम होती है, इसलिए लोग फ्लोटिंग लोन लेना अधिक पसंद करते है।
  2. फिक्स्ड लोन में ज्यादा ब्याज दर का रिस्क होता है, लेकिन फ्लोटिंग लोन में ज्यादा ब्याज दर का कोई रिस्क नही है। 
  3. अगर ब्याज की दर कम है तो आपको फिक्स्ड लोन में फ्लोटिंग लोन से ज्यादा लाभ होगा।
  4. ब्याज दर घटने पर फ्लोटिंग होम लोन में काफी मदद मिलती है, लेकिन फिक्स्ड लोन में ब्याज दर घटने पर कोई लाभ नही होता है।
  5. अगर महंगाई ज्यादा है तो आप लोन लेते समय फ्लोटिंग लोन को चुने इस समय आपको फ्लोटिंग लोन में ज्यादा लाभ होगा।
  6. महंगाई कम होने पर आप फिक्स्ड लोन को चुने क्योंकि महंगाई ज्यादा होने पर फिक्स्ड लोन की ब्याजदर  ज्यादा होती है।


होम लोन की अवधि का कैसे चुनाव करे  


यदि आपका होम लोन ज्यादा ज्यादा अवधि का है तो उसमे आपको ज्यादा ब्याज दर लगता है इसलिए हमेशा इस बात का ख्याल रक्खे कि कम अवधि वाला ही लोन लेना चाहिए। लेकिन अगर आप कम अवधि में लोन नही चुका सकते है और लंबी अवधि वाला लोन लेते है तो लंबी अवधि में आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ता है।

होम लोन की ईएमआई ज्यादा है तो कैसे करे कम


अगर आपके होम लोन की ईएमआई आपके हिसाब से ज्यादा है तो आप इसको आसानी से कम करा सकते है। ईएमआई कम करवाने के लिए पहले आपको अपने लोन को किसी अन्ये बैंक में ट्रांसफर करवाना होगा। लेकिन कभी-कभी हमे अचानक से लोन लेना पड़ जाता है और हम किसी भी बैंक से लोन ले लेते है। लेकिन बाद में जब  हमें पता चलता है कि जिस बैंक से हमने लोन लिया है वह दूसरे बैंको की अपेक्षा से ज्यादा ब्याज में लोन दे रहा है तो उस समय हमे  बहुत परेसानी  होती है। लेकिन इसमें ज्यादा परेशानी वाली कोई बात नही है। हम आसानी से अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते है जिसमे हमें कम ब्याज में लोन मिलता हो। इसके कारण हम अपने लोन की ईएमआई की क़िस्त को भी कम करा सकते है।

अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराने के तरीके


एक बैंक से दूसरे बैंक में अपने लोन को शिफ्ट करने के तरीके काफी सरल होते है।


  1. बैंक में आवेदन करे  (Bank Application) – सबसे पहले आपको बैंक में आवेदन करना होता है | जिसके कारण स्वरूप आपका लोन ट्रांसफर किया जाएगा। 
  2. एनओसी (NOC) – आवेदन करने के बाद बैंक आपको एनओसी के साथ साथ एक स्टेटमेंट देता है  जिसमे आपके लोन की बकाया राशि का पूरा विवरण  लिखी होगा। 
  3. इस प्रकिर्या के बाद दूसरे बैंक में एनओसी को जमा करें (Submit NOC in Another Bank) – इसके बाद आप बैंक के द्वारा दी हुई एनओसी को उस बैंक में जमा करवा दे जिस बैंक में आपको अपना लोन ट्रांसफर करवाना है। 
  4. लोन की राशि बैंक को ट्रांसफर (Amount of Loan Transfer to Bank) – एनओसी जब आप दूसरे बैंक को जमा कर देंगे तो बैंक आपके लोन की राशि पुराने बैंक को ट्रांसफर कर देगा जिससे आपका जो पुराने बैंक में अकाउंट चल रहा है वो बंद हो जाएगा और आपका दिया हुआ पोस्टडेटेड चेक या ईसीएस रद्द हो जाएगा।



अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे


फोन नंबर - +91-9529331331

अथवा 

मेल करे –info@regrob.com



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